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Loksabha election 2024: कन्याकुमारी में पीएम मोदी के ध्यान पर EC से बोला विपक्ष—ये सुर्खियों में बने रहने का तरीका, ममता ने भी साधा निशाना

Loksabha election 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 मई से 1 जून तक विवेकानंद रॉक मेमोरियल, कन्याकुमारी में ध्यान लगाने की घोषणा की है। इसके बाद तो कांग्रेस ने उन पर हमलों की बौछार कर दी हैं। कांग्रेस ने बुधवार को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा कि या तो कार्यक्रम को रद्द कर देना चाहिए या आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन को देखते हुए प्रसारण पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए।

Loksabha election 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा चुनाव के अंतिम सातवें चरण का चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद एक जून तक पीएम विवेकानंद रॉक मेमोरियल में मेडिटेशन करेंगे। अब विपक्षी पार्टियों ने पीएम के कन्याकुमारी में मेडिटेशन करने की सूचना मिलने के बाद से प्रश्न उठाना शुरू कर दिया है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 मई से 1 जून तक विवेकानंद रॉक मेमोरियल, कन्याकुमारी में ध्यान लगाने की घोषणा की है।

इसके बाद तो कांग्रेस ने उन पर हमलों की बौछार कर दी हैं। कांग्रेस ने बुधवार को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा कि या तो कार्यक्रम को रद्द कर देना चाहिए या आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन को देखते हुए प्रसारण पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा।

चुनाव आयोग को लिखा पत्र:

सिंघवी ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग को बताया है कि चुनाव से 48 घंटे पहले किसी भी प्रकार का प्रचार करने की अनुमति नहीं है। सीपीआई (एम) तमिलनाडु के सचिव के. बालाकृष्णन ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री के ध्यान के दौरान होने वाली खबरों के प्रसारण पर रोक लगाने की मांग की है।

बालाकृष्णन ने अपनी शिकायत में कहा कि प्रधानमंत्री मेडिटेशन करना चाहते हैं, यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है। लेकिन मोदी और बीजेपी को इसका सीधा प्रसारण बहुत फायदेमंद होगा। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि चुनाव के दिन तक प्रधानमंत्री के चर्चा में बने रहने से एमसीसी का घोर उल्लंघन हुआ है।

मीडिया कवरेज पर प्रतिबंध लगाने की मांग:

अभिषेक सिंघवी ने कहा कि उन्हें किसी के मौन व्रत रखने से कोई समस्या नहीं है, लेकिन मोदी जी की ध्यान क्रिया 30 मई की सुबह से 1 जून तक रहने वाली है और चुनाव से 48 घंटे पहले कोई प्रचार नहीं होना चाहिए| उन्होंने कहा कि वे चुनाव आयोग के सामने दो बातों की मांग कर रहे हैं| पहली बात यह है कि 1 जून के बाद मोदी जी चाहे जो भी करे, और दूसरी बात यह है कि यदि गुरुवार से इस ध्यान की शुरुआत करते हैं तो मीडिया कवरेज पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।

ममता बनर्जी ने भी साधा निशाना:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले में जादवपुर निर्वाचन क्षेत्र के बरुईपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री पर जमकर निशाना साधा और पूछा कि क्या कोई ध्यान करने के लिए दुनिया को दिखाता है? बीजेपी सबको दिखाना चाहती वह चाहता है कि पीएम ध्यान कर रहे है।

ममता बनर्जी ने कहा कि मोदी ने कहा कि वह भगवान है, तो फिर उन्हें ध्यान की क्या जरूरत है| उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ऐसा प्रचार नहीं कर सकते। साथ ही उन्होंने कहा कि वे चुनाव आयोग से शिकायत करेंगे क्योंकि यह सीधा-सीधा आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है।

चुनाव आयोग के नियमों के खिलाफ:

डीएमके के एलंगोवन ने कहा कि वह इस मेडिटेशन की वजह नहीं जानते। चुनाव खत्म होने के बाद भी वह यह घोषणा कर सकते थे, लेकिन वह इसे अंतिम चरण में कर रहे हैं क्योंकि वह चाहते हैं कि लोगों को लगे कि वह भगवान के भक्त हैं। वो लोगों के सामने खुद को हिन्दू दिखाना चाहते हैं| वह भगवान पर विश्वास करते हैं, इसलिए लोग उन्हें वोट देते हैं। यह लोगों को प्रभावित करने का एक अप्रत्यक्ष तरीका है, जो चुनाव आयोग के सभी नियमों के खिलाफ है।

क्या कहा बीजेपी ने:

भाजपा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कन्याकुमारी को अपने आध्यात्मिक प्रवास के लिए चुनने का निर्णय देश के लिए विवेकानंद के विचारों को साकार करने की उनकी प्रतिबद्धता का संकेत है। विवेकानंद के जीवन में इस चट्टान का बहुत प्रभाव था इसलिए प्रधानमंत्री ने इसे ध्यान के लिए चुना है| उनका कहना था कि विवेकानंद देश भर में घूमने के बाद यहां आए थे, तीन दिनों तक उन्होंने विश्राम करते हुए विकसित भारत का सपना देखा था।

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