LokSabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण के तहत 13 राज्यों की 88 सीटों पर मतदान जारी है। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी शुक्रवार को BES पोलिंग बूथ पर वोट डाला। साथ ही उन्होंने दक्षिण बेंगलुरु के लोगों से भी बड़े पैमाने पर वोट डालने का आह्वान भी किया।
वोट डालने के बाद वित्त मंत्री ने कहा कि उन्हें यह देखकर बहुत अच्छा लग रहा है कि सुबह सुबह ही इतने सारे मतदाता वोट डालने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोग एक स्थिर सरकार चाहते हैं जो अच्छी नीतियां बना सकें। जनता देश के विकास के लिए पीएम मोदी का कार्यकाल बढ़ाना चाहती है।
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कांग्रेस पर साधा निशाना:
वोट डालने के बाद मीडिया से बात करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा। वित्त मंत्री ने आरोप लगाया कि विपक्ष के पास अपना कोई मुद्दा नहीं है इसलिए वे लगातार पीएम मोदी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। इसे साथ ही निर्मला सीतारमण ने इनहेरिटेंस कर जैसे कानून की पैरवी करने के लिए कांग्रेस की आलोचना की।
उन्होंने कहा कि यह कर भारत की प्रगति को खत्म कर सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस की इन मांगों का व्यवहारिक रूप से लागू करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि विरासत टैक्स का समर्थन नहीं किया जा सकता।
खत्म हो सकती है देश की प्रगति:
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विरासत टैक्स की आलोचना करते हुए कहा कि यह टैक्स पिछले दशक में भारत की प्रगति को खत्म कर सकता है। आगे उन्होंने आगे कहा कि 1968 में एक अनिवार्य जमा योजना थी, जिसमें जनता की जमा राशि 18 से 20 प्रतिशत थी। वहीं सरकार लोगों से उनके पैसे लेने का कोई उचित कारण भी नहीं बताती थी।
कांग्रेस से मांग कर रही है अगर उसे लागू किया जाए तो पिछले दस वर्षों में भारत ने जितनी प्रगति की है वह सब खत्म हो जाएगी और हम उस युग में चले जाएंगे, जहां कांग्रेस सरकार जनता पर 90 फीसदी कर लगाती थी। उन्होंने कहा कि आज की पीड़ी को तो इस बारे में पता भी नहीं होगा कि भारत में एक समय ऐसा भी था जब कांग्रेस सरकार में लोगों को अपनी अपनी कमाई पर 90 फीसदी टैक्स देना पड़ता था।
मध्यम वर्ग पर पड़ेगा सीधा असर:
निर्मला सीतारमण ने कहा कि विरासत कर सीधा प्रभाव मध्यम वर्ग के लोगों पर पड़ेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि मध्यम वर्ग के लोग कड़ी मेहनत कर और पसीना बहाकर छोटी—छोटी बचत करते हैं। कड़ी मेहनत के बाद मध्यम वर्ग के लोग घर खरीदते हैं और पैसा जमा करते हैं। अब उनकी मेहनत की कमाई इस तथाकथित संपत्ति कर के संपर्क में आने वाली है।