LokSabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर कांग्रेस पार्टी ने आज अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी कर दिया है। कांग्रेस ने अपने इस चुनावी घोषणा पत्र को ‘न्याय पत्र’ नाम दिया है। कांग्रेस ने अपने इस इलेक्शन मैनिफेस्टो में कई बड़े वादे किए हैं। अपने चुनावी घोषणा पत्र में कांग्रेस ने जनता को 25 तरह की गारंटी दी है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा कि सत्ता में आने के बाद पार्टी आरक्षण में 50 फीसदी की सीमा खत्म करेगी।
इसके अलावा इसमें जातिगत जनगणना कराने, एमएसपी को कानूनी दर्जा देने, कर्जमाफी आयोग बनाने जैसे कई वादे किए हैं। बता दें कि कांग्रेस ने अपने इलेक्शन मैनिफेस्टो में पांच तरह के न्याय का जिक्र किया है। बता दें कि घोषणा पत्र जारी करने के दौरान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, प्रियंका गांधी, पी चिदंबरम और सचिन पायलट सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे।
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कांग्रेस ने घोषणा पत्र में किए ये वादे:
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में लोगों से कई तरह के वादे किए हैं। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में न्यूनमत मजदूरी 400 रुपए करने, रोजगार गारंटी के तहत 40 लाख सरकारी नौकरियां देने, गरीब महिलाओं को एक लाख रुपए की सहायता देने जैसे वादे किए हैं। इसके अलावा राजस्थान की तरह देशभर में चिरंजीवी जैसी योजना लागू करने का वादा भी किया है, जिसमें लोगों को 25 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। वहीं महालक्ष्मी योजना के तहत परिवार की सबसे बुजुर्ग महिला को 1 लाख रुपए सालाना मिलेगा।
घोषणा पत्र में आरक्षण को लेकर कांग्रेस के बड़े वादे:
बता दें कि कांग्रेस ने अपने इलेक्शन मैनिफेस्टो में पांच तरह के न्याय का जिक्र किया है। इसमें सामाजिक न्याय के तहत कांग्रेस ने कहा कि पार्टी सत्ता में आने के बाद जातिगत जनगणना करवाएगी। इसके अलावा जातियों की सामाजिक और आर्थिक स्थितियों की गणना के लिए राष्ट्रव्यापी जाति जगगणना करवाएगी। इसके बाद उस जनगणना के आंकड़ों के आधार पर योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।
इसके अलावा कांग्रेस ने वादा किया है कि वह एसटी, ओबीसी और एससी के लिए आरक्षण में 50 फीसदी की सीमा को खत्म कर उसे इससे ज्यादा करने के लिए एक संशोधन पारित करेगी। इसके अलावा शिक्षा और नौकरी में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10 फीसदी का आरक्षण दिया जाएगा। यह आरक्षण सभी जातियों और समुदायों के लिए होगा।
अल्पसंख्यकों के लिए कांग्रेस के वादे:
कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में अल्पसंख्यकों को लेकर भी कुछ वादे किए हैं। इसमें कांग्रेस ने कहा है कि अल्पसंख्यकों को दिए गए मौलिक अधिकार और धार्मिक अधिकारों का सम्मान करेंगे और उन्हें बनाए रखेंगे। इसके अलावा भाषाई अल्पसंख्यकों को दिए गए अधिकारों को भी बनाएं रखेंगे और उनका सम्मान करेंगे।
अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों और युवाओं को शिक्षा, रोजगार, व्यवसाय सहित अन्य क्षेत्रों में अवसरों का पूरा लाभ उठाने के लिए सहायता करेंगे। इसके साथ ही कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा कि विदेशों में स्टडी के लिए मौलाना आजाद छात्रवृत्ति योजना फिर से शुरू करेंगे। साथ ही इसके तहत छात्रवृत्ति की संख्या बढ़ाने का वादा भी किया है। इसके अलावा भारत के हर नागरिक की तरह अल्पसंख्यकों को भी पोशाक, भोजन, भाषा और व्यक्तिगत कानूनों की पसंद की स्वतंत्रता मिले, यह सुनिश्चित किया जाएगा।
शिक्षा के क्षेत्र में किए ये वादे:
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े भी कुछ वादे किए हैं। कांग्रेस ने कहा कि 25 वर्ष से उम्र के डिप्लोमा धारक या स्नातक युवाओं को एक साल की ट्रेनिंग के लिए नए राइट टू अप्रेंटिसशिप एक्ट मिलेगा। इसके तहत ट्रेनिंग के दौरान उन युवाओं को हर साल 1 लाख रुपए दिए जाएंगे। इसके साथ ही परीक्षाओं के पेपर लीक मामलों के लिए फास्ट-ट्रैक अदालतें उपलब्ध कराई जाएंगी और पीड़ितों को मुआवजा भी दिया जाएगा।
इसके साथ ही कांग्रेस ने केन्द्र सरकार में अलग अलग स्तरों पर स्वीकृत लगभग 30 लाख रिक्त पदों को भरने का वादा भी किया। इसके साथ ही कांग्रेस ने वादा किया है कि सरकारी परीक्षाओं और सरकारी पदों के लिए आवेदन शुल्क खत्म करने का वादा भी किया। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में फंड ऑफ फंड्स योजना का पुनर्गठन करेने का वादा भी किया। इसके तहत 40 वर्ष से कम उम्र के लोगों को खुद का बिजनेस शुरू करने के लिए फंड उपलब्ध कराया जाएगा।
न्यायपालिका को लेकर किए ये वादे:
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में न्यायपालिका को लेकर भी कुछ वादे किए। कांग्रेस ने कहा है कि हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश के परामर्श से एक राष्ट्रीय न्यायिक आयोग बनाया जाएगा। इसकी संरचना के लिए सुप्रीम कोर्ट से सलाह ली जाएगी।
यह आयोग हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति और चयन के लिए जिम्मेदार होगा। इसके अलावा कांग्रेस एक संशोधन करेगी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट में दो प्रभाग बनाने का प्रावधान होगा। इसमें सात वरिष्ठ न्यायधीशों की एक पीठ राष्ट्रीय महत्व के मामलों की सुनवाई करेगी और निर्णय करेगी।