Jharkhand Politics: झारखंड में बीते कुछ दिनों में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल गया। पहले यह खबर आई थी कि हेमंत सोरेन 7 जुलाई को झारखंड के नए सीएम के तौर पर शपथ लेंगे लेकिन हेमंत सोरेन गुरुवार को ही शपथ ले ली। हेमंत सोरेन ने तीसरी बार झारखंड की कमान संभाली है। राजधानी रांची स्थित राजभवन में राज्यपाल ने हेमंत सोरेन को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई है। शपथ ग्रहण समारोह में हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन के अलावा कल्पना सोरेन और राज्य के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन भी मौजूद रहे।
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हेमंत का वीडियो संदेश, भगवान के घर अंधेर नहीं रहता
शपथ से पहले हेमंत सोरेन ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा था कि 5 महीने पहले सत्ता के मद में चूर अहंकारियों ने मुझे चुप कराने की कोशिश की। आज झारखंडियों की जनमत वापस बुलंद हो गई है। उन्होंने कहा कि इसी जगह से मैंने आपको संदेश दिया था कि किस तरह हमारे खिलाफ विरोधियों ने साजिश रची और वो उसमें कामयाब हुआ। हेमंत सोरेन ने कहा कि भगवान के घर अंधेर नहीं रहता है।
सोरेन सरकार का 8 जुलाई को विश्वास मत परीक्षण
झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली नई सरकार का विश्वास मत परीक्षण 8 जुलाई को विधानसभा के पटल पर होगा। हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद, एक सदस्यीय कैबिनेट ने इसके लिए विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र आहूत करने की स्वीकृति दी है। इस प्रस्ताव पर विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन के नियम-139 के अधीन वाद-विवाद के बाद मतदान होगा। इस विशेष सत्र और विश्वास मत परीक्षण की आधिकारिक सूचना जारी कर दी गई है।
23 साल, 13 सीएम, 3 बार राष्ट्रपति शासन
झारखंड भारत के नक्शे पर 28वें राज्य के रूप में 15 नवंबर, 2000 को अस्तित्व में आया था। तब से इस राज्य राजनीतिक अस्थिरता की प्रयोगशाला बना हुआ है। तकरीबन 23 साल 8 माह की उम्र वाले इस सूबे में अब तक 13 सीएम बने। इस दौरान तीन बार राष्ट्रपति शासन भी लग चुका है। मुख्यमंत्री के तौर पर हेमंत सोरेन ने अपनी तीसरी पारी शुरू की है। सोरेन का अब तक का कुल कार्यकाल तकरीबन 5 साल 199 दिन का रहा है।
रघुवर दास अपना कार्यकाल पूरा करने वाले एकमात्र सीएम
झारखंड में मुख्यमंत्रियों का औसत कार्यकाल लगभग डेढ़ साल का रहा है। रघुवर दास एकमात्र ऐसे सीएम है जिन्होंने 2014 से 2019 तक अपना कार्यकाल पूरा किया। इसके बाद हुए विधानसभा के चुनाव के बाद से अब तक राज्य में तीन नई सरकार बन चुकी है। झारखंड के नाम ही यह नायाब राजनीतिक रिकॉर्ड भी है कि यहां निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा भी मुख्यमंत्री रहे हैं। वह लगभग दो साल तक इस पद पर रहे। हेमंत सोरेन के पिता और झामुमो के अध्यक्ष शिबू सोरेन भी तीन बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन कभी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।