Himachal Politics: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनावों के बाद से ही सियासत गरमाई हुई है। कांग्रेस के कुछ विधायक बागी हो गए। वहीं कांग्रेस सरकार इन बागी विधायकों पर एक्शन मोड़ में है। सुक्खू सरकार ने कांग्रेस नेता सुधीर शर्मा पर एक्शन लेते हुए उनसे ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) का पद वापस ले लिया गया है। बता दें कि सुधीर शर्मा AICC के सचिव थे। सुधीर शर्मा पर यह एक्शन इसलिए लिया गया है क्योंकि उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट करते हुए सुक्ख सरकार को घेरा था।
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सुधीर शर्मा ने दी प्रतिक्रिया:
पद से हटाए जाने के बाद सुधीर शर्मा की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। उन्होंने सोशल मीडिश पर पोस्ट लिखते हुए कहा कि भार मुक्त तो ऐसे किया है जैसे सारा बोझ मेरे ही कंधों पर था। साथ ही उन्होंने लिखा कि चिंता मिटी, चाहत गई, मनवा बेपरवाह, जिसको कुछ नहीं चाहिए, वो ही शहंशाह।
फेसबुक पर लिखा था सुक्खू सरकार के लिए पोस्ट:
इससे पहले सुधीर शर्मा ने सुक्खू सरकार पर निशाना साधते हुए एक लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा था। उन्होंने सुक्खू सरकार पर निशाना साधते हुए भगवद गीता के एक श्लोक का उदाहरण दिया था। सुधीर शर्मा ने लिखा था भगवद गीता में एक श्लोक है जिसका भावार्थ है-‘अन्याय सहना उतना ही अपराध है, जितना अन्याय करना। अन्याय से लड़ना आपका कर्तव्य है।’ साथ ही उन्होंने लिखा कि गीता का यही श्लोक उनके संघर्ष का, फैसले का और उनके द्वारा उठाए गए कदम का आधार बना है।
पिमा पंडित संतराम का भी किया था उल्लेख:
साथ ही सुधीर शर्मा ने अपनी पोस्ट में स्वर्गीय पिता पंडित संतराम का उल्लेख करते हुए कहा था कि वे पूरा जीवन सच्चाई के रास्ते पर चलते रहे। उन्होंने स्वाभिमान का झंडा हमेशा बुलंद रखा। बैजनाथ की जनता हमेशा इसलिए उनके साथ खड़ी रहती थी क्योंकि वह संघर्ष से तपकर कुंदन बने थे। साथ ही उन्होंने लिखा था कि हाई कमान भी उनकी हर बात मानता था। सुधीर शर्मा ने लिखा कि उस वक्त पार्टी का शीर्ष नेतृत्व कर्मठ नेताओं और कार्यकर्ताओं का सम्मान करना जानता था। उनकी बात सुनता था।