Free Electricity: भजनलाल सरकार ने राजस्थान को जनता को बड़ा झटका दिया है। बीजेपी सरकार ने अशोक गहलोत सरकार द्वारा प्रदेश की जनता के लिए लॉन्च की गई योजनाओं को बंद कर दिया है। सरकार ने प्रदेश में मिल रही फ्री बिजली की योजना को बंद कर दिया है। राजस्थान के घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट फ्री बिजली दी जाती रही है। लेकिन अब इस योजना को बंद कर दिया गया है। पूर्व की गहलोत सरकार में शुरू की गई फ्री स्मार्टफोन योजना को फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। भजनलाल सरकार ने विधानसभा सत्र के दौरान लिखित जवाब में फ्री मोबाइल और बिजली योजना पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है।
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राजस्थान की फ्री बिजली योजना नए आवेदकों के लिए बंद
सरकार ने राजस्थान की फ्री बिजली योजना नए आवेदकों के लिए बंद कर दिए है। यानी अब गहलोत सरकार की 100 बिजली यूनिट फ्री वाली योजना का लाभ नए आवेदकों को नहीं मिलेगा। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के सवाल पर यह जानकारी दी। अब इस योजना का लाभ नए उपभोक्ता नहीं उठा पाएंगे। अब इस योजना को बंद कर दिया गया है।
कांग्रेस पर आरोप, चुनावी फायदे के लिए आए थे स्कीम
बसपा विधायक मनोज न्यांगली ने बीजेपी पर आरोप लगाए कि यह योजना जनता की भलाई के लिए थी। इसके सवाल पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि चुनावी फायदे के लिए कांग्रेस यह स्कीम लाई थी। उन्होंने कहा कि अगर सबको लाभ देना होता तो रजिस्ट्रेशन की बाध्यता रखने की जरूरत नहीं होती।
फ्री स्मार्टफोन वितरण योजना स्थगित
कांग्रेस सरकार के दौरान शुरू की गई फ्री स्मार्टफोन वितरण योजना को स्थगित कर दिया गया है। जनवरी 2024 तक 24,56,001 महिलाओं को निःशुल्क स्मार्टफोन वितरित किए गए है। विधानसभा चुनाव आचार संहिता लागू होने की वजह से 9 अक्टूबर 2023 को इस फ्री मोबाइल वितरण को रोक दिया गया था।
बिजली निगम कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
राजस्थान में बिजली निगम के कर्मचारी अपने हितों की रक्षा के लिए सड़कों पर उतर गए है। बुधवार को राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन टोंक के तत्वाधान में जिलाध्यक्ष विनोद नायक के नेतृत्व में बिजली कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया। राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन के बैनर तले जिलाध्यक्ष विनोद नायक के नेतृत्व में कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया। पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत जीपीएफ (जनरल प्रोविडेंट फंड) खाता आवंटित करने की मांग। सीपीएफ (कंछा प्रोविडेंट फंड) कटौती बंद करवाने की मांग।