Diya Kumari IIFA 2025 Scam: हाल ही में जयपुर में आयोजित आईफा 2025 राजस्थान के लिए गर्व का विषय बनने के बजाय अब एक बड़े घोटाले में तब्दील हो गया है। इसकी वजह है पर्यटन मंत्री दीया कुमारी का खुद की ब्रांडिंग करने का हताश प्रयास। आईफा अवॉर्ड्स, जो कि भारतीय सिनेमा के प्रचार में अपनी भव्यता और योगदान के लिए विश्व स्तर पर जाना जाता है, का उद्देश्य राजस्थान की समृद्ध धरोहर और संस्कृति को वैश्विक मंच पर लाना था। लेकिन यह इवेंट घटिया प्रबंधन, फिजूलखर्ची और राजनीतिक महत्वाकांक्षा का शिकार बन गया।
Table of Contents
दीया कुमारी का सस्ता पब्लिसिटी स्टंट
दीया कुमारी ने इवेंट को सफल बनाने के बजाय इसे खुद की ब्रांडिंग का ज़रिया बना लिया। उनके बयानों और लगातार सार्वजनिक उपस्थिति से यह साफ झलकता है कि उनका मुख्य उद्देश्य राजस्थान के पर्यटन उद्योग का चेहरा बनकर खुद को प्रचारित करना था। इवेंट की जगह अपने नाम को प्रमोट करना और आईफा से राज्य को होने वाले फायदों के लंबे-चौड़े दावे करना, यह सब दिखाता है कि दीया कुमारी ने इस इवेंट को खुद के प्रचार के साधन के रूप में इस्तेमाल किया।
उनकी भागीदारी आईफा 2025 में पर्यटन को बढ़ावा देने के बजाय खुद की छवि को एक संभावित मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तुत करने की ओर अधिक दिखाई देती है। यह साफ तौर पर दिखाता है कि एक नेता कैसे सार्वजनिक मंच का उपयोग व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए करता है।
Diya Kumari IIFA 2025 Scam: 100 करोड़ कहां गए?
इस पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि राजस्थान सरकार ने इस इवेंट पर पूरे 100 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बजट का बंटवारा राजस्थान इंडस्ट्रियल एंड इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन (RIICO) ने 20 करोड़ रुपये, राज्य सरकार ने 50 करोड़ रुपये और पर्यटन विभाग ने 30 करोड़ रुपये देकर किया।
इस भव्य खर्चे पर पूर्व राजस्थान सरकार के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सवाल उठाते हुए कहा, “अगर आईफा 2 दिन के कार्यक्रम से 2000 करोड़ से अधिक कमा रहा है, तो राज्य सरकार ने 100 करोड़ क्यों दिए?” यह सवाल बेहद प्रासंगिक है, खासकर तब जब राजस्थान के आम लोग भोजन, दवा और आवास जैसी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
नेताओं द्वारा राज्य के साथ धोखा
प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस मामले में भजनलाल सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा, “यह राज्य की जनता के साथ सीधा विश्वासघात है।” उनके बयान में यह सच्चाई साफ झलकती है कि नेता खुद को बढ़ावा देने में अधिक रुचि रखते हैं, बजाय उन लोगों की सेवा करने के जिन्होंने उन्हें सत्ता में बैठाया है।
Diya Kumari IIFA 2025 Scam: राजनीतिक खेल और निजी लाभ
जहां दीया कुमारी खुद को राजस्थान के पर्यटन उद्योग का रक्षक बताने की कोशिश कर रही हैं, वहीं उनके इरादों पर सवाल उठाए जा रहे हैं। आईफा से राजस्थान के पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उनकी बातें अब खोखली लग रही हैं, खासकर जब इसे उनके मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा के संदर्भ में देखा जाता है।
पब्लिक फंड्स का इस्तेमाल एक प्राइवेट इवेंट को समर्थन देने के लिए करना, जो पहले ही प्रायोजन, टिकट और विज्ञापनों के माध्यम से हजारों करोड़ कमा रहा है, यह साफ तौर पर दिखाता है कि सरकार की प्राथमिकताएं कितनी गलत हैं। और जब दीया कुमारी खुद को राजस्थान के पर्यटन का चेहरा बताने की कोशिश कर रही हैं, आम जनता आज भी संघर्ष कर रही है।
मुख्यमंत्री कहां हैं?
एक और सवाल उठता है – इस पूरे मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा कहां हैं? आखिर किस सोच के तहत इतने बड़े इवेंट के लिए इतनी भारी रकम स्वीकृत की गई, जबकि यह इवेंट अपने वादे को भी पूरा नहीं कर पाया? मुख्यमंत्री की इस मुद्दे पर चुप्पी दीया कुमारी के निजी प्रचार अभियान का मौन समर्थन प्रतीत होती है। वे किस डर से चुप हैं , यह तो वे ही जाने।
पावर का बेवजह दुरुपयोग
आईफा 2025 की यह असफलता यह दर्शाती है कि कैसे सार्वजनिक धन का दुरुपयोग निजी एजेंडों के लिए किया जाता है। राज्य की संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा देने के बजाय दीया कुमारी ने खुद की छवि को बढ़ावा देने में ज्यादा रुचि दिखाई। क्या राजस्थान सरकार इस विफलता की जिम्मेदारी लेगी, या फिर जनता की आवाज को इसी तरह अनसुना कर दिया जाएगा?
यह भी पढ़ें –