Delhi Elections: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मुख्यमंत्री आतिशी को बड़ी राहत मिली है। मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने उनके खिलाफ बीजेपी नेता प्रवीण शंकर द्वारा दायर मानहानि की शिकायत को खारिज कर दिया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आतिशी का बयान किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं था, बल्कि यह टिप्पणी पूरी विपक्षी पार्टी के खिलाफ थी। मानहानि केस में अदालत के फैसले से आतिशी और आम आदमी पार्टी को राजनीतिक मजबूती मिली है। आतिशी ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह सच की जीत है। उन्होंने विश्वास जताया कि जनता उनके काम और पार्टी के विकास के एजेंडे को समर्थन देगी।
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आतिशी का बयान और विवाद
यह मामला पिछले साल अप्रैल का है, जब आतिशी दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कैबिनेट का हिस्सा थीं। उन्होंने आरोप लगाया था कि बीजेपी से जुड़े व्यक्तियों ने उनसे और अन्य आप नेताओं से संपर्क कर उन्हें पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था। इस बयान के बाद बीजेपी नेता प्रवीण शंकर ने आतिशी और अन्य आप नेताओं के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया।
बीजेपी ने आरोपों को किया खारिज
बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त के प्रयास का झूठा आरोप लगाकर बदनाम किया। उन्होंने आप नेताओं के बयानों को पार्टी और उसके नेताओं की छवि को धूमिल करने वाला बताया। हालांकि, अदालत ने इस मामले में समन को खारिज करते हुए कहा कि आतिशी का बयान संगठन के संदर्भ में था, न कि किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ।
कालकाजी सीट से आतिशी मैदान में
आतिशी इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में कालकाजी सीट से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। इस सीट पर बीजेपी ने पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी को और कांग्रेस ने अलका लांबा को मैदान में उतारा है। कालकाजी सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन गई है, जो इस बार के चुनाव को और दिलचस्प बना रही है।
हॉट सीट बनी कालकाजी
कालकाजी सीट दिल्ली की सबसे हॉट सीटों में से एक मानी जा रही है। आतिशी, जो शिक्षा और विकास के एजेंडे पर चुनाव लड़ रही हैं, का मुकाबला रमेश बिधूड़ी से है, जो बीजेपी के कद्दावर नेता हैं और दक्षिण दिल्ली में मजबूत पकड़ रखते हैं। वहीं, अलका लांबा, जो कभी आप पार्टी का हिस्सा थीं और अब कांग्रेस में शामिल हो चुकी हैं, चुनाव को त्रिकोणीय बना रही हैं।
दिल्ली चुनाव 2025: त्रिकोणीय मुकाबला और पिछले रुझान
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में 70 सीटों पर 5 फरवरी को मतदान होगा और नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे। 2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 62 सीटों पर जीत हासिल कर सरकार बनाई थी, जबकि बीजेपी ने 8 सीटें जीती थीं। कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था। वहीं, 2025 के विधानसभा चुनाव में आप ने अपने प्रदर्शन को और बेहतर करते हुए 67 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि बीजेपी 3 सीटों तक सिमट गई।
कांग्रेस की वापसी की कोशिश
इस बार कांग्रेस ने मैदान में मजबूती से उतरने की कोशिश की है। कालकाजी सीट पर अलका लांबा के उतरने से मुकाबला और रोचक हो गया है। कांग्रेस अपने खोए हुए वोट बैंक को वापस पाने और त्रिकोणीय संघर्ष में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रही है।
दिल्ली में मुद्दे और सियासी समीकरण
चुनाव के लिए दिल्ली में मुख्य मुद्दे शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी और विकास हैं। आप पार्टी अपने शासनकाल में किए गए विकास कार्यों को आधार बनाकर वोट मांग रही है, जबकि बीजेपी राष्ट्रीय मुद्दों और केंद्रीय योजनाओं को जनता के सामने रख रही है। कांग्रेस अपनी पुरानी साख को दोबारा बनाने की कोशिश कर रही है।
नतीजों पर सबकी नजर
कालकाजी समेत दिल्ली की सभी 70 सीटों पर इस बार का चुनाव दिलचस्प होने वाला है। आप पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबले ने चुनावी माहौल को गर्म कर दिया है। 8 फरवरी को नतीजे तय करेंगे कि दिल्ली की जनता किसे अपनी अगली सरकार के रूप में चुनती है।
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