CM Vishnudev: छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट के बीच, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बुधवार को दिल्ली दौरे पर हैं। इस घटनाक्रम से राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव होने की संभावनाएं हैं। सीएम विष्णुदेव का बीते 3 सप्ताह में यह दूसरा दिल्ली दौरा है। इस बार वे अकेले नहीं, बल्कि दोनों डिप्टी सीएम विजय शर्मा और अरुण साव के साथ दिल्ली दौरे पर है। उनके साथ वित्त मंत्री ओपी चौधरी भी इस दौरे में हैं। कई वरिष्ठ नेताओं और नए चेहरों के नाम मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए चर्चा में हैं। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, कुछ प्रमुख विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं को मंत्री पद दिया जा सकता है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और केंद्रीय नेतृत्व के निर्णयों पर अब सबकी निगाहें टिकी हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि यह विस्तार राज्य की राजनीति को कैसे प्रभावित करेगा।
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इन मंत्रियों के नाम की चर्चा
छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल में दो सीटें खाली हैं। इनको भरने के लिए सबसे पहले सीनियर नेताओं के नाम की चर्चा हो रही है। इस लिस्ट में सबसे पहले नाम आ रहा है रेणुका सिंह का। पूर्व सांसद रेणुका सिंह छत्तीसगढ़ की महिला एवं बाल विकास मंत्री रह चुकी हैं। इसके अलावा वे केंद्र में राज्यमंत्री भी रही हैं। अमर अग्रवाल सीनियर नेता हैं। वे राज्य सरकार में तीन बार मंत्री भी रह चुके हैं। राजेश मुणत भी पार्टी के सीनियर लीडर हैं। रमन सिंह के मुख्यमंत्री रहते वे 15 सालों तक मंत्रिमंडल में रहे थे। गजेंद्र यादव, भावना बोहरा और पुरंदर मिश्रा को मंत्री पद दिए जाने की चर्चा हो सकती है। पुराने चेहरे और सीनियर नेताओं के अलावा साय कैबिनेट में कुछ नए नामों की चर्चा हो रही है।
मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के दिल्ली दौरे को मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। इस विस्तार में नए चेहरे शामिल हो सकते हैं, जिससे सरकार की कार्यक्षमता और जनसमर्थन में वृद्धि हो सकती है। मंत्रिमंडल विस्तार से सरकार की छवि में सुधार हो सकता है और जनता में विश्वास बढ़ सकता है। इससे सरकार को विकास कार्यों में तेजी लाने और नई ऊर्जा के साथ कार्य करने का मौका मिलेगा।
राजनीतिक संतुलन
मंत्रिमंडल विस्तार का उद्देश्य विभिन्न जातियों, क्षेत्रों और राजनीतिक धड़ों के संतुलन को साधना होगा। आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए यह विस्तार किया जा सकता है, जिससे सरकार की लोकप्रियता बढ़ सके। नए मंत्रियों के शामिल होने से पार्टी के अंदर राजनीतिक स्थिरता बढ़ेगी और कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा होगा। इससे आगामी चुनावों में पार्टी की स्थिति मजबूत हो सकती है।
केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की दिल्ली यात्रा का मुख्य उद्देश्य केंद्रीय नेतृत्व से मंत्रिमंडल विस्तार के लिए सहमति प्राप्त करना है। केंद्रीय नेतृत्व से सलाह-मशविरा कर के अंतिम सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा।
विरोध और असंतोष
मंत्रिमंडल विस्तार के बाद कुछ नेताओं में असंतोष भी हो सकता है, जिन्हें मंत्री पद नहीं मिल पाता। मुख्यमंत्री को इस असंतोष को संभालने और पार्टी के अंदर एकता बनाए रखने के लिए सावधानीपूर्वक निर्णय लेने होंगे।
जनता की अपेक्षाएं
जनता को भी नए मंत्रियों से काफी उम्मीदें होंगी और वे अपने क्षेत्र में विकास कार्यों में तेजी की अपेक्षा करेंगे। नए मंत्रियों को अपनी जिम्मेदारियों को सही तरीके से निभाकर जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना होगा। छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार की इस सुगबुगाहट से राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ आ सकता है।
सीएम विष्णुदेव साय की कई केंद्रीय मंत्रियों से होगी मुलाकात
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने मीडिया से बातचीत में कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। साव ने कहा कि सीएम विष्णु देव साय दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की बैठक में शामिल होंगे। इस दौरान वो अन्य विभागों के मंत्रियों से भी मुलाकात करेंगे। हम भी सीएम के साथ मंत्रियों से मिलने दिल्ली जा रहे हैं। माना जा रहा है कि दिल्ली दौरे के दौरान वो मंत्रिमंडल विस्तार पर पार्टी नेतृत्व से चर्चा कर सकते हैं।
डिप्टी सीएम बोले, 5 साल से हो रही थी तुष्टिकरण की राजनीति
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा की विष्णु देव साय सरकार गौ तस्करी के खिलाफ सख्त है। प्रदेश में गौ तस्करों के खिलाफ हम सख्त कार्रवाई करेंगे। कांग्रेस सरकार के संरक्षण में प्रदेश में गौ तस्करी हो रही थी। इनके अपने लोग गौ तस्करी में लिप्त थे। साव ने कहा, पांच सालों में उन्होंने सिर्फ तुष्टिकरण की राजनीति की है। कांग्रेस मौत और दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं पर राजनीति करती है।