Chandigarh Mayor Election 2025: चंडीगढ़ के मेयर चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने एक बार फिर से अपनी ताकत दिखाई और कांग्रेस तथा आम आदमी पार्टी (आप) के गठबंधन को शिकस्त दी। इस बार भी बीजेपी के उम्मीदवार हरप्रीत कौर को विजयी घोषित किया गया, जिनके पक्ष में कुल 19 वोट पड़े। वहीं, आम आदमी पार्टी की मेयर उम्मीदवार प्रेमलता को 17 वोट मिले। इस चुनाव में क्रॉस वोटिंग की वजह से आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन अपनी जीत सुनिश्चित नहीं कर सका, जो पहले इस चुनाव में जीत के लिए बेहद आशान्वित थे।
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क्रॉस वोटिंग ने बदली चुनाव की तस्वीर
बीजेपी के पक्ष में इस बार तीन पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग की। यह घटना खासतौर पर उस वक्त सामने आई जब आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन ने अपने सभी पार्षदों को रिसॉर्ट में ठहराकर क्रॉस वोटिंग रोकने की कोशिश की थी। आम आदमी पार्टी ने अपने पार्षदों को पंजाब पुलिस की निगरानी में रखा था, जबकि कांग्रेस ने अपने पार्षदों की सुरक्षा का जिम्मा अपने नेताओं पर सौंपा था। बावजूद इसके, यह कदम कारगर साबित नहीं हुआ और बीजेपी की रणनीति कामयाब रही।
गुप्त मतदान प्रणाली और बैलट पेपर विवाद
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में गुप्त मतदान प्रणाली का पालन किया गया था, जिसके चलते क्रॉस वोटिंग करने वाले पार्षदों का पता लगाना दोनों दलों के लिए कठिन हो गया। इस बार चुनाव की निगरानी सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त स्वतंत्र पर्यवेक्षक, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति जयश्री ठाकुर के नेतृत्व में की गई थी।
बैलट पेपर को लेकर विवाद
चुनाव के पहले घंटों में ही बैलट पेपर को लेकर विवाद भी सामने आया। आम आदमी पार्टी की पार्षद जसविंदर कौर ने आरोप लगाया कि उनके बैलट पेपर पर एक डॉट था और उन्होंने नया बैलट पेपर देने की मांग की। इस विवाद ने चुनाव प्रक्रिया को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया, लेकिन बाद में चुनाव सुचारू रूप से संपन्न हुआ।
चंडीगढ़ निगम सदन का गणित
चंडीगढ़ नगर निगम में कुल 35 पार्षद हैं और मेयर चुनाव में चंडीगढ़ के सांसद भी वोट करते हैं, जिससे कुल 36 वोट होते हैं। इस चुनाव में सभी वोट पड़े, लेकिन क्रॉस वोटिंग की वजह से आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के पास आवश्यक 19 वोट से एक वोट अधिक होने के बावजूद उनकी जीत नहीं हो पाई। आम आदमी पार्टी के पास 13 पार्षदों के साथ कुल 17 वोट थे, जबकि कांग्रेस के पास 6 पार्षदों के साथ कुल 6 वोट थे। दोनों मिलाकर 20 वोट के साथ चुनाव में उतरे थे।
पिछले साल का विवादित चुनाव परिणाम
यह चुनाव पिछले साल के विवादास्पद चुनाव परिणाम के बाद हुआ है, जब चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में भारी हंगामा हुआ था। तब मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया था। 20 फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव अधिकारी अनिल मसीह के आचरण पर कड़ी टिप्पणी की थी और चुनाव परिणाम को पलट दिया था। अनिल मसीह ने आप और कांग्रेस के 8 वोटों को अमान्य कर दिया था, जिससे बीजेपी के उम्मीदवार की जीत हुई थी। इसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला पलटते हुए आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को मेयर घोषित किया।
बीजेपी की रणनीति और भविष्य की चुनौतियां
इस बार की जीत के बाद बीजेपी की ओर से इसे अपनी रणनीति की सफलता माना जा रहा है। बीजेपी ने चुनाव के दौरान अपनी पूरी ताकत झोंकी और विपक्षी गठबंधन को मात दी। पार्टी ने क्रॉस वोटिंग के जरिए अपनी स्थिति मजबूत की, जो एक प्रभावी रणनीति साबित हुई। हालांकि, विपक्षी दलों के लिए यह चुनाव एक कड़ा संदेश है कि उन्हें अपनी रणनीतियों को और अधिक मजबूत और संयमित बनाना होगा।
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