Budget 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए आम बजट 2025 को लेकर राजनीतिक गलियारों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। जहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इसे गरीब और मध्यम वर्ग के लिए फायदेमंद बता रही है, वहीं कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इसे निराशाजनक करार दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, सीएम योगी सहित सभी बीजेनी नेताओं ने बजट को अच्छा बताया है। बजट 2025 पर देशभर के नेताओं की प्रतिक्रियाएँ स्पष्ट रूप से दिखाती हैं कि बजट को लेकर राय बंटी हुई है। जहां बीजेपी इसे विकासात्मक और उदार बताकर गरीब और मध्यम वर्ग के हित में मान रही है, वहीं विपक्षी दल इसे पक्षपाती, जनविरोधी और निराशाजनक बता रहे हैं। बजट की विशेषताएँ और राज्यवार घोषणाएँ भी ध्यान आकर्षित कर रही हैं, जिससे राज्य सरकारों के लिए संभावित लाभ और निराशा दोनों ही महत्वपूर्ण मुद्दे बन गए हैं।
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बीजेपी का समर्थन: बजट गरीब और मध्यम वर्ग के लिए लाभकारी
बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने इस बजट को “समावेशी” बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक नीतियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि 12 लाख रुपये तक की आय पर कर में छूट से गरीबों और मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इस ऐतिहासिक बजट के लिए बधाई दी।
बजट जन-हितैषी : रमन सिंह
छत्तीसगढ़ बीजेपी अध्यक्ष रमन सिंह ने भी बजट को जन-हितैषी बताया। उन्होंने किसानों को बड़ी राहत मिलने की बात कही, जिसमें किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये की गई है। इसके अलावा, कई दवाओं को आयात शुल्क से मुक्त करने के फैसले को उन्होंने जनहित में उठाया गया कदम बताया।
आर्थिक मजबूती की दिशा में बड़ा कदम: प्रह्लाद पटेल
मध्य प्रदेश सरकार के मंत्रियों ने भी बजट की प्रशंसा की। मंत्री प्रह्लाद पटेल ने इसे देश की आर्थिक मजबूती की दिशा में बड़ा कदम बताया, जबकि पशुपालन मंत्री लखन लाल पटेल ने कहा कि यह बजट मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए एक बड़ा तोहफा है। संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने इसे ‘सबका साथ, सबका विकास’ के सिद्धांत पर आधारित बताया। वहीं, मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने छोटे व्यापारियों और उद्योगपतियों को मिले लाभों पर संतोष जताया।
कांग्रेस और विपक्ष की आलोचना: बजट को बताया निराशाजनक
कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस बजट को निराशाजनक करार दिया। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था पहले से ही संकट में है और बजट में राज्य के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं किए गए। उन्होंने किसानों, महिलाओं और गरीबों के लिए किए गए वादों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इन वादों को पूरा करने के लिए राज्य सरकार को केंद्र से कोई मदद नहीं मिली है।
एमएसपी में उचित वृद्धि नहीं की : कमलनाथ
कमलनाथ ने केंद्र सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने गेहूं और धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में उचित वृद्धि नहीं की है, जिससे किसानों की आमदनी प्रभावित होगी। इसके अलावा, महिलाओं के लिए घोषित योजनाओं को लेकर उन्होंने कहा कि इनकी क्रियान्वयन प्रक्रिया स्पष्ट नहीं है।
हिमाचल प्रदेश में निराशा: राजेश धर्माणी ने बजट को आलोचना की
हिमाचल प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने केंद्रीय बजट पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस बार भी हिमाचल प्रदेश को बजट में उपेक्षित रखा गया है, जो कि पिछली बार की तरह ही एक निराशाजनक स्थिति है। राजेश धर्माणी ने कहा कि वित्त मंत्री ने लगातार आठवीं बार बजट पेश किया है, लेकिन हिमाचल के लिए इस बजट में कोई खास प्रावधान नहीं है। उनका मानना है कि पहाड़ी राज्य की उपेक्षा एक निराशाजनक पहलू है, और इस बजट से राज्य को कोई विशेष लाभ नहीं मिला है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा की प्रतिक्रिया: मिडिल क्लास के लिए राहत की उम्मीदें अधूरी
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी इस बजट पर अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि भले ही इनकम टैक्स में थोड़ी राहत दी गई है, लेकिन इससे अधिकतर लोगों को कोई फायदा नहीं होगा। हुड्डा का कहना था कि 12 लाख रुपये की सालाना आमदनी वाले लोगों की संख्या बहुत कम है, और उनके मुताबिक, इस बजट में गरीबों के लिए कोई ठोस प्रावधान नहीं किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि अन्य टैक्सों में राहत दी जानी चाहिए थी और जीएसटी को भी कम किया जाना चाहिए था।
बिहार को मिली सौगात: सम्राट चौधरी ने किया बजट का स्वागत
बिहार के उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने केंद्रीय बजट का स्वागत करते हुए इसे बिहार के लिए सौगात करार दिया। उन्होंने कहा कि यह बजट बिहार के विकास को गति देने वाला है और बिहार की कई महत्वपूर्ण अपेक्षाओं को इसमें शामिल किया गया है। सम्राट चौधरी ने विशेष रूप से मखाना बोर्ड की स्थापना और ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे की सुविधा की घोषणा का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस बजट में बिहार को झोली भरकर सौगात मिली है और यह गरीब और मध्यम वर्ग के लिए एक अहम कदम है।
कुणाल घोष ने बजट को जनविरोधी बताया
पश्चिम बंगाल के तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता कुणाल घोष ने केंद्रीय बजट 2025-26 को जनविरोधी करार दिया। उनका कहना था कि यह बजट गरीबों, किसानों, मजदूरों, महिलाओं और युवाओं के लिए निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि केवल आठ करोड़ लोग ही इनकम टैक्स देते हैं, और बाकी जनसंख्या के लिए बजट में कोई लाभ नहीं है। कुणाल घोष ने यह भी आरोप लगाया कि बजट दिशाहीन है और यह पूरे देश की जनता के हित में नहीं है।
आप ने बजट को मिडल क्लास के साथ छलावा बताया
आम आदमी पार्टी (आप) ने भी इस बजट पर निराशा जताई है। पार्टी ने इसे मिडल क्लास के लिए छलावा करार दिया और कहा कि इसमें होम लोन के लिए कोई राहत नहीं दी गई। आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर कहा कि इस बजट में अरबपतियों के कर्ज माफ करने पर ध्यान दिया गया, जबकि मिडल क्लास को होम लोन और व्हीकल लोन में राहत दी जानी चाहिए थी। उन्होंने सुझाव दिया कि अगले बजट में इनकम टैक्स और जीएसटी की दरें आधी की जानी चाहिए और किसानों के कर्ज माफ किए जाने चाहिए।
कांग्रेस की निराशा: हिमाचल प्रदेश को राहत का कोई पैकेज नहीं मिला
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने बजट को राजनीतिक लाभ के लिए प्रस्तुत किया गया बताया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को आपदा राहत पैकेज की उम्मीद थी, लेकिन इसे पूरी तरह से नकारा किया गया। उनका आरोप था कि बिहार और आंध्र प्रदेश को बजट में प्राथमिकता दी गई है, जबकि हिमाचल को फिर से अनदेखा किया गया।
राज्यों को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया
कुछ राज्यों जैसे बिहार और आंध्र प्रदेश को बजट में प्राथमिकता मिलने की चर्चा हो रही है, जबकि हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में निराशा देखी गई। विपक्षी नेताओं ने इसे केंद्र सरकार की पक्षपातपूर्ण नीति बताया और आरोप लगाया कि कुछ राज्यों को जानबूझकर नजरअंदाज किया गया है।
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