Bihar Elections: बिहार विधानसभा चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं और सभी राजनीतिक दल अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर बिहार पहुंचे हैं, जहां उन्होंने एक ओर कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया, वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं और कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद कर उन्हें आगामी चुनाव के लिए दिशा-निर्देश दिए। प्रधानमंत्री ने पार्टी नेताओं को चुनाव से पहले कई अहम संदेश दिए, जिनमें परिवारवाद, दल-बदल, जमींदारी मानसिकता और सोशल मीडिया की भूमिका जैसे मुद्दे प्रमुख रहे। उन्होंने कार्यकर्ताओं को टिकट वितरण की प्रक्रिया के संबंध में एक स्पष्ट और सशक्त संकेत भी दिया है।
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Bihar Elections: टिकट के लिए सोशल मीडिया पर 50 हजार फॉलोअर्स जरूरी
पीएम मोदी ने चुनाव में टिकट के इच्छुक नेताओं के लिए एक अनोखी और प्रभावशाली शर्त रखी है सोशल मीडिया पर कम से कम 50 हजार फॉलोअर्स। उन्होंने कहा कि आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया एक मजबूत माध्यम है, जिससे कार्यकर्ता जनता से सीधे जुड़ सकते हैं। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे सोशल मीडिया पर सक्रिय रहें, क्योंकि एक मजबूत डिजिटल उपस्थिति यह दर्शाती है कि उनका जनता से सीधा संवाद है। प्रधानमंत्री स्वयं सोशल मीडिया पर विश्व के सबसे लोकप्रिय नेताओं में गिने जाते हैं और उन्होंने अपने अनुभवों को उदाहरण बनाते हुए कहा कि जो जनता से जुड़ा होगा, वही चुनावी दौड़ में मजबूत उम्मीदवार होगा।
Bihar Elections: परिवारवाद और जमींदारी प्रथा पर हमला
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि राजनीति में परिवारवाद और जमींदारी मानसिकता की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “ऐसा नहीं होना चाहिए कि अगर आप नहीं हैं तो आपके पुत्र हों, और कार्यकर्ताओं की मेहनत को नजरअंदाज किया जाए।” उन्होंने जोर देकर कहा कि पार्टी में समर्पित कार्यकर्ता ही असली पूंजी हैं, और उन्हीं को मान-सम्मान मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संगठन को मजबूत करने के लिए कार्यकर्ताओं की मेहनत को प्राथमिकता दी जाएगी, न कि वंश परंपरा को।
Bihar Elections: दल-बदलुओं को चेतावनी
प्रधानमंत्री ने दल-बदल करने वाले नेताओं को भी सख्त लहजे में चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि ऐसे नेता जो चुनावी मौसम में पार्टी छोड़ते हैं और फिर लौट आते हैं, वे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं। “धैर्य ही सबसे बड़ी पूंजी है,” उन्होंने कहा। “जो लोग धैर्य रखते हैं और लगातार मेहनत करते हैं, वही भविष्य में नेतृत्व के योग्य बनते हैं।”
‘बूथ जिताओ, चुनाव जिताओ’ का मंत्र
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव की असली जीत तभी संभव है जब बूथ स्तर पर पार्टी मजबूत हो। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा, बूथ जीतो, चुनाव जीतो — यही मंत्र है। इसके साथ ही उन्होंने ‘मन की बात’ कार्यक्रम को सभी बूथों पर नियमित रूप से सुनाने का भी आग्रह किया, जिससे लोगों को सरकार की नीतियों और कार्यों की जानकारी मिल सके।
आतंकवाद पर भारत की कार्रवाई की जानकारी जनता तक पहुंचाएं
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे जनता को भारत सरकार की आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के बारे में जागरूक करें। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जिस तरह आतंकवाद के मुद्दे पर घेरा गया है, उसे जमीनी स्तर तक लोगों को बताया जाए। इससे न केवल सरकार की नीतियों की जानकारी जनता तक पहुंचेगी, बल्कि यह राष्ट्रवादी भावनाओं को भी मजबूत करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे से स्पष्ट है कि बिहार में बीजेपी चुनाव को लेकर पूरी तरह गंभीर है और एक सशक्त, अनुशासित और डिजिटल रूप से सक्रिय संगठन खड़ा करना चाहती है। टिकट के लिए सोशल मीडिया की शर्त और परिवारवाद पर करारा प्रहार इस ओर इशारा करता है कि आने वाले चुनाव में पार्टी नए चेहरे और सक्रिय कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दे सकती है। इसके साथ ही, पार्टी कार्यकर्ताओं को पीएम मोदी का यह स्पष्ट संदेश भी मिल गया है कि समर्पण, निष्ठा और जनता से जुड़ाव ही सफलता की कुंजी हैं।
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