Bangladesh Violence: बांग्लादेश में हिंदुओं पर लगातार अत्याचार हो रहा है और जो लोग हिंदुओं के समर्थन में आवाज उठा रहे हैं, उन पर भी हमले हो रहे हैं। बांग्लादेश में हिंदू देवी-देवताओं के मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। इसे लेकर भारत में साधु संतों ने मोर्चा खोल दिया है। जयपुर के बड़ी चौपड़ पर आरएसएस स्वयंसेवकों, साधु-संतों और विभिन्न हिंदू संगठनों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ एकजुट होकर विरोध-प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां लेकर और नारेबाजी करते हुए भारत सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने और बांग्लादेश पर कई प्रकार के प्रतिबंध लगाने की मांग की।
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बालमुकुंद आचार्य का बयान:
राजस्थान के हवा महल से भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ विरोध दर्ज कराते हुए अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने सनातन धर्म और हिंदू एकता के महत्व को रेखांकित करते हुए भारत सरकार से इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाने का आग्रह किया। विधायक ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में जिहादी तत्व लगातार हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा कि जिस भारत ने 1971 में बांग्लादेश के निर्माण में मदद की, आज वही बांग्लादेश भारत के मूल्यों और हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार कर रहा है।
भाजपा विधायक का आरोप- कांग्रेस जिहादियों के साथ खड़ी:
बालमुकुंद आचार्य ने कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों पर निशाना साधते हुए बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ उनकी चुप्पी को लेकर आलोचना की। बालमुकुंद आचार्य ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दल बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ चुप हैं। उनका कहना था कि इन दलों से कोई बयान नहीं आया, जो इस बात को साबित करता है कि वे जिहादियों के साथ खड़े हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह चुप्पी एक तरह से जिहादियों के समर्थन को दर्शाती है और यह साफ है कि कौन सनातनियों के साथ है और कौन जिहादियों के साथ खड़ा है।
प्रदर्शन का उद्देश्य:
प्रदर्शनकारियों का मुख्य उद्देश्य भारत सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने और प्रभावी कार्रवाई की मांग करना था। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ते हमलों और उनके धार्मिक स्थलों पर हो रही हिंसा को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की।
प्रतिबंध लगाने की मांग:
प्रदर्शनकारियों ने भारत सरकार से बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाने और इस मामले में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने सुझाव दिया कि यदि स्थिति नहीं सुधरती, तो भारत को बांग्लादेश पर आर्थिक, वाणिज्यिक और कूटनीतिक प्रतिबंध लगाने चाहिए।
नारेबाजी और तख्तियां:
प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां लेकर “हिंदू सुरक्षा सुनिश्चित करो” और “बांग्लादेश में हिंसा बंद करो” जैसे नारे लगाए। साधु-संतों ने बांग्लादेश में धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।
प्रशासन की प्रतिक्रिया:
स्थानीय प्रशासन ने इस प्रदर्शन के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस की तैनाती की थी। प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली।
प्रदर्शनकारियों का संदेश:
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा केवल भारत के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए चिंता का विषय है। यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो आगे और व्यापक प्रदर्शन किए जाएंगे। इस प्रकार का विरोध भारत और बांग्लादेश के द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित कर सकता है। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों को लेकर भारत सरकार की प्रतिक्रिया पर अब सभी की नजरें टिकी हैं।
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