Arvind Kejriwal: अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है, जो उन्होंने 17 सितंबर, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर देने की योजना बनाई है। केजरीवाल के इस्तीफे के बाद, आम आदमी पार्टी (AAP) को नए मुख्यमंत्री के चयन की चुनौती का सामना करना पड़ेगा। संभावित नामों में आतिशी मार्लेना, मनीष सिसोदिया, और संजय सिंह का नाम चर्चा में है। नए मुख्यमंत्री के सामने दिल्ली की शिक्षा, स्वास्थ्य, और प्रदूषण जैसी प्रमुख समस्याओं का समाधान करने का जिम्मा होगा।
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केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आसान नहीं होगी AAP की राह
दिल्ली की राजनीति में यह बदलाव महत्वपूर्ण होगा, खासकर आगामी चुनावों के संदर्भ में। नए मुख्यमंत्री को केजरीवाल द्वारा स्थापित किए गए विकास कार्यों को जारी रखने के साथ-साथ पार्टी के एजेंडे को भी आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी होगी। साथ ही, राजनीतिक और सामाजिक चुनौतियों से निपटने के लिए मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता होगी, विशेषकर शहर में तेजी से बदलती राजनीतिक परिस्थितियों में।
क्या दिल्ली को मिलेगी दूसरी महिला सीएम
आतिशी मार्लेना वर्तमान में शिक्षा और वित्त मंत्रालय संभाल रही हैं, उनका नाम मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे आगे है। अगर उन्हें चुना जाता है, तो वह दिल्ली की दूसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी, जो पहले शीला दीक्षित रह चुकी हैं। वहीं, मनीष सिसोदिया लंबे समय से केजरीवाल के करीबी सहयोगी रहे हैं और शिक्षा नीति में उनके योगदान के लिए पहचाने जाते हैं, वे भी मुख्यमंत्री पद के लिए एक प्रमुख उम्मीदवार हो सकते हैं।
कौन होगा दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री
संजय सिंह, जो राज्यसभा सांसद हैं और पार्टी में एक मजबूत नेता के रूप में उभरे हैं, उनका नाम भी संभावित उम्मीदवारों में शामिल है। पार्टी की बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाएगा कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। इस घटनाक्रम के बाद दिल्ली की राजनीति में बदलाव की संभावनाएं तेज हो गई हैं और आम आदमी पार्टी के भीतर भी नेतृत्व परिवर्तन की दिशा में आगे बढ़ने की संभावना है।
AAP के सामने कई बड़ी चुनौतियां
यह प्रक्रिया वास्तव में उतनी सहज नहीं है जितनी दिखती है। अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद, आम आदमी पार्टी (AAP) के सामने कई चुनौतियाँ हैं। सबसे पहले, चुनाव से पहले एक ऐसा अंतरिम मुख्यमंत्री चुनना होगा, जो पार्टी के सदस्यों के साथ मतदाताओं का भी भरोसा जीत सके। साथ ही, विपक्षी दल इसे AAP के अंदर अस्थिरता के संकेत के रूप में देख सकते हैं और इसका फायदा उठाने की कोशिश करेंगे। इसके अलावा, भ्रष्टाचार के आरोप और केजरीवाल के जमानत पर बाहर होने के बाद इस्तीफा देने के फैसले पर भी सवाल उठ रहे हैं।
बीजेपी बोली, ‘उन्हें पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था’
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की घोषणा के बाद नई दिल्ली से भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को 177 दिन पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था और अब 48 घंटे का समय लेने का कोई औचित्य नहीं है। स्वराज ने सवाल उठाया कि क्या आम आदमी पार्टी में सीएम फेस को लेकर कोई आंतरिक संघर्ष चल रहा है। उन्होंने केजरीवाल और उनकी पूरी कैबिनेट से तत्काल इस्तीफा देने की मांग की। साथ ही, उन्होंने चुनाव समय पर कराने पर भी सवाल उठाया।