Arjun Modhvadiya joins BJP: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस को झटके पर झटके लग रहे हैं। बता दें कि गुजरात में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अर्जुन मोढवाडिया ने पार्टी छोड़ दी थी। इस फैसले के एक दिन बाद ही अर्जुन मोढवाडिया भाजपा में शामिल हो गए।
गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सी.आर. पाटील ने अर्जुन मोढवाडिया को भगवा टोपी और अंगवस्त्र पहनाकर पार्टी में शामिल कराया। बताया जा रहा है कि अर्जुन मोढवाडिया 22 जनवरी को अयोध्या में हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का कांग्रेस द्वारा बहिष्कार करने से नाराज चल रहे थे।
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गुजरात में प्रवेश करने वाली है ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’:
बता दें कि राहुल गांधी के नेतृत्व में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ तीन दिन बाद गुजरात में प्रवेश करने वाली है। ऐसे में मोढवाडिया के कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने के फैसले ने सबको चौंका दिया है। बता दें कि मोढवाडिया के कांग्रेस छोड़ने से कुछ दिन पहले ही कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री नाराण राठवा अपने बेटे के साथ बीजेपी में शामिल हो गए थे।
कांग्रेस के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा:
वहीं रिपोर्ट के अनुसार, पोरबंदर सीट से विधायक अर्जुन मोढवाडिया ने सोमवार शाम गुजरात विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी को विधानसभा सदस्यता से अपना इस्तीफा सौंपा था। इसके बाद पत्रकारों से बात करते हुए मोढवाडिया ने बताया कि उन्होंने कांग्रेस से सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
40 साल से साथ थे कांग्रेस के:
बता दें कि अर्जुन मोढवाडिया गुजरात कांग्रेस के वरिष्ठ और सबसे प्रभावशाली नेताओं में से माने जाते थे। मोढवाडिया करीब 40 वर्ष तक कांग्रेस से जुड़े रहे।। इस दौरान उन्होंने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी संभाली। वर्ष 2022 में मोढवाडिया ने पोरबंदर विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी के दिग्गज नेता बाबू बोखिरिया को हराया था।
कांग्रेस विधायकों की संख्या रह गई 14:
बता दें कि गुजरात में 182 सदस्यीय विधानसभा में मोढवाडिया के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के विधायकों की संख्या घटकर 14 रह गई है। मोढवाडिया से पहले चिराग पटेल और सीजे चावड़ा भी कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके हैं। पटेल ने दिसंबर और चावड़ा ने जनवरी में इस्तीफा दिया था।
मोढवाडिया बोले—राहत महसूस कर रहा हूं:
कांग्रेस छोड़ने के बाद मोढ़वाडिया ने गांधीनगर में पत्रकारों से कहा कि अब वह राहत महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा,’जब कोई पार्टी लोगों के साथ अपना संबंध खो देती है, तो वह एक एनजीओ बन जाती है।’ उन्होंने बताया कि उन्होंने तब आवाज उठाई थी जब कांग्रेस ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण का अपमान किया था।