Delhi Police Commissioner: दिल्ली पुलिस को नया नेतृत्व मिलने जा रहा है। 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी एसबीके सिंह को दिल्ली पुलिस कमिश्नर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। गृह मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी आधिकारिक आदेश के अनुसार, एसबीके सिंह 1 अगस्त 2025 से दिल्ली के पुलिस आयुक्त का पदभार संभालेंगे। यह आदेश मौजूदा कमिश्नर संजय अरोड़ा के 31 जुलाई को रिटायर होने के बाद जारी किया गया है। संजय अरोड़ा 1988 बैच के तमिलनाडु कैडर के अधिकारी हैं, जिन्होंने 1 अगस्त 2022 को राकेश अस्थाना के स्थान पर दिल्ली पुलिस की कमान संभाली थी।
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Delhi Police Commissioner: गृह मंत्रालय का आदेश
गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, एसबीके सिंह, आईपीएस (1988 बैच, एजीएमयूटी कैडर) को 1 अगस्त, 2025 से अगले आदेश तक दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपा जाता है। यह आदेश केंद्रीय गृह सचिव की मंजूरी के बाद जारी किया गया। आदेश की प्रतिलिपि दिल्ली के मुख्य सचिव, दिल्ली पुलिस, उपराज्यपाल सचिवालय और अन्य संबंधित अधिकारियों को भेजी गई है। साथ ही मंत्रालय ने निर्देश दिए हैं कि आदेश को गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर भी प्रकाशित किया जाए।
Delhi Police Commissioner: कौन हैं एसबीके सिंह?
वर्तमान में एसबीके सिंह दिल्ली होम गार्ड्स के महानिदेशक (DGP) पद पर कार्यरत हैं। उन्हें पुलिस प्रशासन, आंतरिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था में गहरा अनुभव है। वे अब तक विभिन्न संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण पदों पर अपनी सेवा दे चुके हैं। दिल्ली जैसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखना एक अत्यंत संवेदनशील कार्य है। एसबीके सिंह के पास इस जिम्मेदारी को निभाने का व्यापक अनुभव और समझ है। पुलिसिंग से जुड़े क्षेत्रों में उनकी कार्यशैली को पारदर्शिता, दृढ़ता और रणनीतिक सोच के लिए जाना जाता है।
Delhi Police Commissioner: क्यों मिली एडिशनल चार्ज की जिम्मेदारी?
संजय अरोड़ा के रिटायरमेंट के बाद दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर अभी तक स्थायी नियुक्ति नहीं हुई है। ऐसे में केंद्र सरकार ने अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर एसबीके सिंह को फिलहाल के लिए जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया है। संभावना है कि भविष्य में स्थायी नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में चर्चा
एसबीके सिंह की नियुक्ति पर राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थायीत्व बनाए रखने की रणनीति है, ताकि राष्ट्रीय राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था में कोई व्यवधान न आए।
नजरें होंगी आने वाले कदमों पर
दिल्ली जैसे बड़े और संवेदनशील शहर की पुलिसिंग जिम्मेदारी तेज निर्णय क्षमता, जनसंपर्क और तकनीकी समझ की मांग करती है। एसबीके सिंह पर अब यह जिम्मेदारी है कि वे इस संक्रमण काल में दिल्ली पुलिस को सुचारु रूप से संचालित करें। अगले आदेश तक एसबीके सिंह ही दिल्ली पुलिस के सर्वोच्च पद पर रहेंगे। उनकी कार्यशैली और प्राथमिकताएं आने वाले दिनों में और स्पष्ट होंगी।
एसबीके सिंह की सेवानिवृत्ति में बचे छह महीने
दिल्ली, देश की राजधानी होने के कारण लगातार राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक संवेदनशीलताओं से जूझती रहती है। अतीत में कई पुलिस कमिश्नर इन दबावों में संतुलन बनाने में चूके हैं। एसबीके सिंह की सेवानिवृत्ति में महज छह महीने बचे हैं। हालांकि उन्हें अभी केवल अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। लेकिन मंत्रालय के भीतर यह चर्चा है कि उन्हें नियमित नियुक्ति के साथ दो साल का सेवा विस्तार भी मिल सकता है।
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