CP Radhakrishnan: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के समर्थित उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन को भारत का नया उपराष्ट्रपति चुना गया है। उपराष्ट्रपति चुनाव में उन्हें 452 मत प्राप्त हुए, जिसके साथ ही वे इस प्रतिष्ठित पद के लिए निर्वाचित हो गए। राधाकृष्णन अब देश के उपराष्ट्रपति के रूप में अपनी जिम्मेदारियां संभालेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें इस उपलब्धि पर बधाई दी है।
Table of Contents
CP Radhakrishnan: राजनीति में चार दशकों का अनुभव
1957 में तमिलनाडु के तिरुप्पुर में जन्मे सी.पी. राधाकृष्णन ने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक के रूप में की। 1974 में वे जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने। 1996 में उन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का तमिलनाडु राज्य सचिव नियुक्त किया गया। 1998 में वे पहली बार कोयंबटूर से लोकसभा सांसद चुने गए और 1999 में दोबारा सांसद बने।
CP Radhakrishnan: संसदीय और प्रशासनिक योगदान
सांसद के रूप में राधाकृष्णन ने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं। उन्होंने कपड़ा संबंधी संसदीय स्थायी समिति की अध्यक्षता की और वित्त संबंधी परामर्शदात्री समिति सहित विभिन्न समितियों में योगदान दिया। वे स्टॉक एक्सचेंज घोटाले की जांच के लिए गठित संसदीय विशेष समिति के सदस्य भी रहे। 2004 में वे संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने वाले भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बने और उसी वर्ष ताइवान गए पहले संसदीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल हुए। 2004 से 2007 तक उन्होंने भाजपा तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। इस दौरान उन्होंने 93 दिनों तक चली 19,000 किलोमीटर की रथयात्रा का नेतृत्व किया, जिसमें नदियों को जोड़ने, आतंकवाद उन्मूलन, समान नागरिक संहिता और नशामुक्ति जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
CP Radhakrishnan: कॉयर बोर्ड और राज्यपाल के रूप में उपलब्धियां
2016 में राधाकृष्णन को कोच्चि स्थित कॉयर बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उनके नेतृत्व में कॉयर निर्यात 2,532 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचा। 2020 से 2022 तक वे केरल भाजपा के प्रभारी रहे। 18 फरवरी 2023 को उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने पहले चार महीनों में राज्य के सभी 24 जिलों का दौरा किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल के रूप में भी अतिरिक्त प्रभार संभाला। 31 जुलाई 2024 को उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में शपथ ली और पूरे राज्य का भ्रमण कर विभिन्न वर्गों के साथ संवाद स्थापित किया।
शिक्षा और ग्रामीण विकास पर जोर
राज्यपाल के रूप में राधाकृष्णन ने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और ग्रामीण विकास को प्राथमिकता दी। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और ग्रामीण समुदायों के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया। छात्र जीवन में वे टेबल टेनिस चैंपियन और लंबी दूरी के धावक रहे। उन्हें क्रिकेट और वॉलीबॉल का भी शौक है।
वैश्विक अनुभव और यात्राएं
राधाकृष्णन ने अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, पुर्तगाल, नॉर्वे, डेनमार्क, स्वीडन, फिनलैंड, बेल्जियम, हॉलैंड, तुर्की, चीन, मलेशिया, सिंगापुर, ताइवान, थाईलैंड, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और जापान जैसे देशों की यात्राएं की हैं। ये यात्राएं उनके वैश्विक दृष्टिकोण और अनुभव को दर्शाती हैं।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की बधाई
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, सी.पी. राधाकृष्णन को भारत के उपराष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई! आपके दशकों के समृद्ध अनुभव राष्ट्र की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी सामाजिक सेवा की सराहना करते हुए कहा, थिरु सी.पी. राधाकृष्णन का जीवन समाज सेवा और गरीबों व वंचितों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित रहा है। मुझे विश्वास है कि वे हमारे संवैधानिक मूल्यों को सुदृढ़ करेंगे।
यह भी पढ़ें:-
एमपी में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल: 30 IPS और 15 IAS अधिकारियों का तबादला, पांच जिलों के कलेक्टर बदले