No Helmet No Petrol: मध्य प्रदेश के दो प्रमुख शहरों भोपाल और इंदौर में सड़क सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन ने एक अहम और कड़ा फैसला लिया है। 1 अगस्त 2025 से इन शहरों के किसी भी पेट्रोल पंप पर बिना हेलमेट पहने दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल नहीं दिया जाएगा। यह नियम दोनों शहरों के कलेक्टरों के निर्देश पर लागू किया जा रहा है।
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No Helmet No Petrol: सुप्रीम कोर्ट समिति की बैठक के बाद लिया गया निर्णय
इस निर्णय के पीछे सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष और सेवानिवृत्त न्यायाधीश अभय मनोहर सप्रे के साथ हुई अहम बैठक है। बैठक में इंदौर की ट्रैफिक व्यवस्था, बढ़ते सड़क हादसों और दोपहिया चालकों की लापरवाही पर विस्तार से चर्चा की गई। इसके बाद यह ठोस कदम उठाने का निर्णय हुआ।
No Helmet No Petrol: आदेश की जानकारी और जनजागरूकता अभियान
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि यह आदेश दोपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इसे 1 अगस्त से सख्ती से लागू किया जाएगा। इसके पहले 30 और 31 जुलाई को व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा ताकि लोग समय रहते तैयार हो सकें और नियमों का पालन कर सकें।
भोपाल में भी इसी तर्ज पर तैयारियां तेज हो गई हैं। भोपाल कलेक्टर आशीष तिवारी ने आदेश को सड़क सुरक्षा में मील का पत्थर बताया है। उन्होंने कहा कि “यह कदम सिर्फ हेलमेट पहनने की आदत डालने का नहीं, बल्कि जान बचाने का प्रयास है।”
No Helmet No Petrol: पेट्रोल पंप संचालकों के लिए सख्त दिशा-निर्देश
प्रशासन ने पेट्रोल पंप संचालकों को साफ निर्देश दिए हैं कि बिना हेलमेट आए किसी भी दोपहिया चालक को पेट्रोल न दें। अगर कोई पंप संचालक नियम तोड़ता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें लाइसेंस निलंबन से लेकर आर्थिक दंड तक के प्रावधान शामिल हैं। इंदौर जिला प्रशासन ने सभी पंप प्रबंधकों की एक बैठक बुलाकर आदेश की प्रति वितरित की है और उन्हें स्पष्ट कर दिया गया है कि नियमों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सड़क हादसों में भारी इजाफा बना चिंता का कारण
राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, इंदौर और भोपाल जैसे बड़े शहरों में हर साल दोपहिया वाहनों से जुड़े सड़क हादसों में सैकड़ों जानें जाती हैं। इनमें से अधिकतर मामले हेलमेट न पहनने के कारण गंभीर या घातक होते हैं। प्रशासन को उम्मीद है कि यह नियम लोगों की आदतों में बदलाव लाएगा और सड़क हादसों में 30-40% तक कमी लाई जा सकेगी।
नागरिकों की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली
कुछ नागरिकों ने प्रशासन के इस फैसले का स्वागत किया है और इसे एक जरूरी और प्रभावी कदम बताया है। वहीं कुछ लोगों ने इसे अत्यधिक हस्तक्षेप करार देते हुए व्यावहारिकता पर सवाल उठाए हैं। इंदौर के एक स्थानीय नागरिक अजय वर्मा ने कहा, अगर इससे जान बचती है तो थोड़ा असुविधा सही, लेकिन यह एक सकारात्मक बदलाव है। वहीं एक महिला चालक राधिका शर्मा ने कहा, कभी-कभी पास के मोहल्ले तक जाने में भी हेलमेट पहनना मुश्किल होता है, ऐसे में नियम थोड़ा सख्त लग रहा है।
जनहित में बड़ा फैसला
भोपाल और इंदौर में बिना हेलमेट पेट्रोल न देने का नियम न केवल प्रशासनिक आदेश है, बल्कि यह लोगों की सुरक्षा और जिम्मेदार ट्रैफिक संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में एक जरूरी पहल है। आने वाले दिनों में यह देखा जाएगा कि आम जनता और पेट्रोल पंप संचालक इसे कितनी गंभीरता से लेते हैं।
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