Naxal Encounter: मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में पुलिस और सुरक्षा बलों ने बुधवार को एक बड़ी कामयाबी हासिल की। जिले के गिरी थाना क्षेत्र में चलाए गए तलाशी अभियान के दौरान हुई मुठभेड़ में पुलिस ने तीन महिला सहित चार नक्सलियों को मार गिराया। मुठभेड़ के बाद से ही इलाके में सघन तलाशी अभियान जारी है। सूत्रों के अनुसार, मुठभेड़ में कुछ अन्य नक्सलियों के घायल होने की भी खबर है। सभी के शव बरामद कर लिए गए हैं। बताया जा रहा है कि कुछ घायल नक्सली जंगल की ओर भाग गए।
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मैं पुलिस के जवानों को बधाई देता हूं: मुख्यमंत्री मोहन यादव
मुठभेड़ की जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस ऑपरेशन को अंजाम देने वाली मध्य प्रदेश पुलिस की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “बालाघाट जिले में नक्सलियों के विरुद्ध अभियान में मिली सफलता के लिए मैं पुलिस के जवानों को बधाई देता हूं। जवानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर प्रदेश को नक्सल आतंक से सुरक्षित रखने का सराहनीय कार्य किया है।” मुख्यमंत्री ने बताया कि नक्सलियों के पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है। उन्होंने कहा कि अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक नक्सलियों का पूरी तरह सफाया नहीं हो जाता।
नक्सल प्रभावित इलाकों में बढ़ाई गई चौकसी
सीएम यादव ने केंद्र सरकार की नक्सलवाद विरोधी नीतियों की भी सराहना करते हुए कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार वर्ष 2026 तक देश से नक्सलवाद समाप्त करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मध्य प्रदेश सरकार इस दिशा में सक्रियता से काम कर रही है और बालाघाट में हालिया सफलता उसी का परिणाम है। उन्होंने कहा कि राज्य के नक्सल प्रभावित इलाकों में चौकसी बढ़ाई गई है ताकि किसी भी नक्सली गतिविधि को पनपने का मौका न मिले।
राइफल सहित दैनिक उपयोग की सामग्री बरामद
एएसपी विजय डाबर ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए बताया कि घटनास्थल से एक इंसास राइफल, एक एसएलआर और एक 303 राइफल सहित दैनिक उपयोग की सामग्री बरामद की गई है। मारी गई महिला नक्सलियों की शिनाख्त अभी नहीं हो पाई है। नक्सलियों की तलाश के लिए हॉक फोर्स, सीआरपीएफ, कोबरा और जिला पुलिस बल की 12 से अधिक टीमें जंगल में सर्च ऑपरेशन में जुटी हैं।
कान्हा टाइगर रिजर्व में बाघिन की मौत
इसी बीच, मध्य प्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व से एक दुखद खबर सामने आई है। रिजर्व के किसली वन क्षेत्र स्थित चिमटा-घांघर सर्कल में मंगलवार को एक बाघिन का शव मिला। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) एल. कृष्णमूर्ति ने पुष्टि की कि मृत बाघिन की पहचान टी-58 के रूप में हुई है और उसकी उम्र लगभग 10 से 12 साल थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, बाघिन की मौत टेरिटोरियल फाइट यानी क्षेत्रीय अधिकार को लेकर अन्य बाघ से हुई लड़ाई में गंभीर चोटें लगने के कारण हुई।
अवैध शिकार के संकेत नहीं मिले
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शव के परीक्षण के दौरान किसी प्रकार के अवैध शिकार के संकेत नहीं मिले। बाघिन के सभी अंग सुरक्षित पाए गए, जिससे स्पष्ट है कि उसकी मौत प्राकृतिक कारणों से हुई। मौत के बाद बाघिन के शव का नियमानुसार अंतिम संस्कार कर दिया गया है। विभाग ने इलाके में अन्य बाघों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कैमरा ट्रैप और गश्त बढ़ा दी है।
कान्हा टाइगर रिजर्व में इस तरह की घटनाएं अक्सर बाघों के बीच क्षेत्रीय संघर्ष के कारण होती हैं। वन विभाग के अनुसार, प्राकृतिक चयन की प्रक्रिया में मजबूत बाघ अपने इलाके पर नियंत्रण रखते हैं, जिससे बाघों के बीच इस प्रकार के संघर्ष आम हैं। हालांकि, वन्यजीव संरक्षण के लिहाज से हर मौत चिंता का विषय है और विभाग ऐसे संघर्षों को रोकने के लिए लगातार निगरानी रख रहा है।
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