Municipal Body By-Election: मध्य प्रदेश में नौ नगरीय निकायों में पार्षद पद के लिए हुए उपचुनाव के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं। इन उपचुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने छह सीटों पर जीत दर्ज कर अपना दबदबा कायम रखा, जबकि कांग्रेस ने तीन सीटों पर कब्जा जमाया है। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, इन नौ नगरीय निकायों में उपचुनाव के लिए 7 जुलाई को मतदान हुआ था, जिसमें 69.68 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। पुरुष मतदाताओं का प्रतिशत 73.01 और महिला मतदाताओं का प्रतिशत 66.36 रहा। मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई थी। उम्मीद की जा रही है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों अपने इन विजयी पार्षदों के माध्यम से आगामी स्थानीय और विधानसभा चुनावों में अपनी स्थिति को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
Municipal Body By-Election: कहां से किसे मिली जीत?
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव अभिषेक सिंह ने बताया कि नौ नगरीय निकायों में एक-एक वार्ड में हुए उपचुनाव के परिणाम इस प्रकार रहे:
- भोपाल (बैरसिया, वार्ड-7): भाजपा की शाइस्ता सुल्तान विजयी
- सिवनी (वार्ड-11): भाजपा की निधि विजयी
- इंदौर (सांवेर, वार्ड-7): कांग्रेस की हसीना विजयी
- इंदौर (गौतमपुरा, वार्ड-15): भाजपा के शंकरलाल विजयी
- मंडला (बिछिया, वार्ड-13): कांग्रेस की राजकुमारी धुर्वे विजयी
- शहडोल (खांड, वार्ड-8): कांग्रेस के शशिधर त्रिपाठी विजयी
- छिंदवाड़ा (न्यूटन चिखली, वार्ड-4): भाजपा की निकिता बरखे विजयी
- खरगोन (भीकनगांव, वार्ड-5): भाजपा की कमलेश कौशल विजयी
Municipal body by-election: पन्ना में भाजपा प्रत्याशी निर्विरोध विजयी
पन्ना जिले के ककरहटी नगरीय निकाय के वार्ड-13 में भाजपा प्रत्याशी हीरालाल आदिवासी को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया, जिससे भाजपा को एक अतिरिक्त सफलता मिली। इस वार्ड में किसी अन्य प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल नहीं किया था।
Municipal body by-election: उपचुनाव क्यों हुए?
नगरीय निकायों में पार्षद पदों पर उपचुनाव विभिन्न कारणों से रिक्त हुई सीटों को भरने के लिए कराए गए थे। उपचुनाव में स्थानीय विकास और जनसमस्याओं से जुड़े मुद्दे हावी रहे। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने स्थानीय कार्यकर्ताओं और क्षेत्रीय मुद्दों के आधार पर चुनाव प्रचार किया था।
परिणाम का महत्व
इन उपचुनाव परिणामों ने आगामी नगरीय निकाय चुनावों से पहले भाजपा के लिए राहत का काम किया है। वहीं, कांग्रेस ने तीन सीटों पर जीत दर्ज कर अपने संगठन को सक्रिय दिखाया है। राज्य में नगरीय निकाय स्तर पर स्थानीय राजनीति में यह परिणाम समीकरण बदल सकते हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा की छह सीटों पर जीत यह दर्शाती है कि उसकी जमीनी पकड़ अब भी मजबूत है। वहीं कांग्रेस का प्रदर्शन भी दिखाता है कि वह स्थानीय स्तर पर चुनौतियां दे रही है। निर्वाचित पार्षद अब अपने-अपने क्षेत्रों में जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर काम करेंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने निर्वाचित पार्षदों को प्रमाणपत्र सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
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