Mahakal Mandir: मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित प्रसिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में भस्म आरती के दौरान अब श्रद्धालु अपने मोबाइल फोन लेकर प्रवेश नहीं कर सकेंगे। मंदिर प्रशासन ने इस संबंध में सख्त निर्णय लेते हुए 23 जनवरी 2025 से भस्म आरती के दौरान मोबाइल फोन पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। यह फैसला हाल के दिनों में मंदिर परिसर में रील्स बनाने और उसके कारण उपजे विवादों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
Table of Contents
श्रद्धालुओं के लिए मोबाइल प्रतिबंध का कारण
मंदिर प्रशासन के सुरक्षा अधिकारी जयंत सिंह राठौड़ ने इस निर्णय की पुष्टि करते हुए बताया कि महाकालेश्वर मंदिर परिसर और महाकाल लोक में श्रद्धालुओं द्वारा मोबाइल फोन का दुरुपयोग देखा गया है। हाल ही में, युवतियों और अन्य श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर परिसर में बॉलीवुड गानों पर रील्स बनाते हुए वीडियो वायरल हुए थे, जिससे विवाद पैदा हुआ। यह न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करता है, बल्कि मंदिर की पवित्रता और मर्यादा को भी भंग करता है।
राठौड़ ने कहा, श्रद्धालु अब भस्म आरती के दौरान मोबाइल फोन लेकर मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। प्रवेश द्वार पर ही मोबाइल फोन जमा करवाने की व्यवस्था की जाएगी। लौटते समय, दिए गए टोकन नंबर के माध्यम से श्रद्धालु अपने मोबाइल प्राप्त कर सकेंगे।
पुजारियों और सुरक्षाकर्मियों पर अभी कोई निर्णय नहीं
श्रद्धालुओं के लिए यह नियम अनिवार्य रूप से लागू होगा, लेकिन मंदिर में पुजारियों और सुरक्षाकर्मियों के लिए यह प्रतिबंध अभी लागू नहीं किया गया है। जब उनसे इस बारे में सवाल किया गया तो राठौड़ ने कहा कि पुजारियों और सुरक्षाकर्मियों के संदर्भ में अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
मंदिर के पुजारी, जो महाकाल की आरती और श्रृंगार की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करते हैं, उनके बारे में चर्चा है कि वे ऐसा हजारों भक्तों तक आरती और श्रृंगार की जानकारी पहुंचाने के लिए करते हैं। प्रशासन इस पर विचार कर रहा है कि पुजारियों के मोबाइल के उपयोग को भी नियंत्रित किया जाए या नहीं।
विवादित रील्स और बढ़ते दबाव का असर
हाल के दिनों में महाकालेश्वर मंदिर और महाकाल लोक के वीडियो, जो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, उनमें श्रद्धालुओं और युवतियों द्वारा रील्स बनाते हुए देखा गया। इन वीडियो में कई बार मंदिर परिसर की मर्यादा का उल्लंघन होता है, जिससे न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है, बल्कि मंदिर की गरिमा पर भी सवाल उठते हैं।
इन घटनाओं के बाद श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों द्वारा प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की गई थी। मंदिर परिसर में पहले भी मोबाइल फोन पर रोक लगाने की कोशिश की गई थी, लेकिन श्रद्धालु “सूचना नहीं मिलने” का बहाना बनाकर मोबाइल अंदर ले जाते थे। इसके चलते मंदिर प्रशासन ने इस बार इस नियम को कड़ाई से लागू करने का फैसला किया है।
नई व्यवस्था की प्रक्रिया
प्रवेश द्वार पर मोबाइल जमा करना
श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने से पहले अपने मोबाइल फोन मंदिर परिसर के प्रवेश द्वार पर जमा कराने होंगे। इसके लिए प्रशासन ने एक सुरक्षित व्यवस्था बनाई है, जिसमें हर व्यक्ति को एक टोकन नंबर दिया जाएगा।
टोकन के माध्यम से मोबाइल वापस
आरती के बाद, श्रद्धालु अपने मोबाइल फोन टोकन नंबर दिखाकर वापस ले सकेंगे। प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि मोबाइल फोन की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
भस्म आरती की पवित्रता बनाए रखने का प्रयास
महाकालेश्वर मंदिर की भस्म आरती विश्व प्रसिद्ध है और लाखों श्रद्धालु हर साल इस विशेष आरती में शामिल होने के लिए उज्जैन आते हैं। यह आरती मंदिर की पारंपरिक और आध्यात्मिक परंपरा का हिस्सा है, जिसे मोबाइल फोन के बढ़ते उपयोग और रील्स बनाने जैसी गतिविधियों ने प्रभावित किया है।
पुजारियों के उपयोग पर चर्चा जारी
मंदिर के पुजारियों द्वारा महाकाल के श्रृंगार और आरती के वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए जाते हैं, जो भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक जुड़ाव का माध्यम बन गए हैं। हालांकि, प्रशासन इन वीडियो और तस्वीरों को साझा करने के तरीकों पर भी विचार कर रहा है ताकि मंदिर की गरिमा बनाए रखी जा सके।
श्रद्धालुओं और स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया
मोबाइल फोन पर इस प्रतिबंध के बाद श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों ने मिश्रित प्रतिक्रिया दी है। कुछ लोगों ने इस कदम का स्वागत किया है, इसे धार्मिक स्थल की पवित्रता बनाए रखने के लिए आवश्यक बताया है। वहीं, कुछ श्रद्धालुओं ने मोबाइल जमा करने और वापस लेने में होने वाली संभावित असुविधा को लेकर चिंता व्यक्त की है।
यह भी पढ़ें-
Naxalites Encounter: छत्तीसगढ़ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 24 नक्सलियों को मार गिराया, इनमें 1 करोड़ का इनामी भी शामिल