Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए पुलिस ने महत्वपूर्ण कदम उठाने का निर्णय लिया है। इस संदर्भ में कुछ प्रमुख पहलुओं पर ध्यान दिया जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में राज्य के ग्रामीण और शहरी दोनों हिस्सों में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध के मद्देनजर इस संबंध में निर्णय लिया गया। पुलिस ने अपराधियों पर कड़ी नजर रखने का निर्णय लिया है, ताकि महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों के खिलाफ त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की जा सके।
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डीजीपी ने जारी किए विशेष निर्देश
मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सुधीर सक्सेना ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों को गंभीरता से लेने के लिए सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए हैं। इन कदमों का उद्देश्य मध्य प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर नियंत्रण पाना और उन्हें एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करना है। उनके निर्देशों के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं।
त्वरित कार्रवाई: अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करें।
न्याय सुनिश्चित करना: यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि अपराधियों को न्यायालय से सजा मिले, जिससे पीड़ितों को राहत और न्याय मिल सके।
निगरानी तंत्र: डीजीपी ने यह भी कहा है कि अधिकारियों को अपराधियों की गतिविधियों पर निगरानी रखनी होगी ताकि किसी भी तरह के अपराध को रोका जा सके।
सुरक्षा तंत्र में सुधार: महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, पुलिस विभाग अपने मौजूदा सुरक्षा तंत्र में सुधार करने की दिशा में कदम उठाने के लिए भी प्रेरित किया गया है।
बीते 10 साल के अपराधियों की लिस्ट तैयार
डीजीपी सुधीर सक्सेना ने मध्य प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने सभी पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को निर्देश दिया है कि वे पिछले 10 वर्षों में महिलाओं के खिलाफ अपराध में शामिल लोगों की एक सूची तैयार करें। इस प्रकार, मध्य प्रदेश पुलिस ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए एक सख्त निगरानी तंत्र स्थापित करने की योजना बनाई है।
सूची का निर्माण: सभी एसपी को पिछले कई वर्षों में महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों का पता लगाने के लिए कहा गया है। इससे यह स्पष्ट होगा कि किन अपराधियों को लगातार निगरानी में रखा जाना चाहिए।
जमानत पर रिहाई: सूची में शामिल कई अपराधी जमानत पर बाहर हो सकते हैं या वे अन्य जिलों में हो सकते हैं। फिर भी, उन्हें पुलिस की कड़ी निगरानी में रखा जाएगा ताकि किसी भी आपराधिक गतिविधि को समय पर रोका जा सके।
निगरानी तंत्र: इस पहल का मुख्य उद्देश्य उन अपराधियों की गतिविधियों पर नज़र रखना है, ताकि यदि वे फिर से अपराध करने की कोशिश करें, तो उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जा सके।
महिलाओं की सुरक्षा: यह कदम महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने और उनके खिलाफ होने वाले अपराधों को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर निर्देश
डीजीपी सक्सेना ने शुक्रवार को पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें उन्होंने भोपाल और इंदौर के पुलिस कमिश्नरों समेत वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन किया जाए।