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Wednesday, September 17, 2025
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Fertilizer Crisis: मध्य प्रदेश खाद की किल्लत, खाद गोदाम पर अन्नदाताओं की लंबी कतारें

Fertilizer Crisis: मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के पिछोर तहसील में खाद की किल्लत से किसान भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं।

Fertilizer Crisis: मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के पिछोर तहसील में खाद की किल्लत से किसान भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। गेहूं की बुवाई के लिए खाद समय पर उपलब्ध न होने की वजह से खेती का काम काफी प्रभावित हुआ है। किसानों का कहना है कि खाद की कमी के कारण गेहूं की बुवाई एक महीने देरी से हो रही है। खाद पाने के लिए किसानों को घंटों तक लंबी कतारों में खड़ा रहना पड़ रहा है। बावजूद इसके, उन्हें प्रति किसान केवल तीन बोरी खाद दी जा रही है, जो उनकी जरूरतों के लिए पर्याप्त नहीं है।

खेतों के सूखने का खतरा

अगर समय पर खाद उपलब्ध नहीं होती है, तो किसानों के खेत सूख सकते हैं। इससे उनकी पूरी फसल बर्बाद होने का खतरा है। खेतों को फिर से सिंचाई करके बुवाई करने में एक महीने का अतिरिक्त समय और लागत लगेगी, जिससे किसानों पर आर्थिक बोझ और बढ़ जाएगा।

प्रशासन से मांग

किसानों ने प्रशासन से खाद की किल्लत को तुरंत दूर करने और उन्हें समय पर खाद उपलब्ध कराने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर जल्द ही समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो उनकी मेहनत और निवेश दोनों बर्बाद हो जाएंगे।

खाद की कमी से अन्नदाता परेशान

यह समस्या न केवल स्थानीय किसानों की आजीविका को प्रभावित कर रही है, बल्कि क्षेत्र की कृषि उत्पादन क्षमता पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। सरकार और प्रशासन को जल्द से जल्द इस मुद्दे पर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि किसानों को राहत मिल सके और फसलों को नुकसान से बचाया जा सके।

मानसिक और शारीरिक रूप से किसान परेशान

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के पिछोर तहसील में खाद की किल्लत ने किसानों को बेहद कठिन स्थिति में डाल दिया है। खाद लेने के लिए लंबी कतारों में खड़े किसान मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान हो रहे हैं।

बुवाई में देरी

मुरारी लाल लोधी, जो डीएपी खाद की तीन बोरी लेने के लिए पिछले तीन दिन से कतार में खड़े हैं, ने अपनी स्थिति बयान की। समय पर खाद न मिलने के कारण उनकी गेहूं की बुवाई पहले ही एक महीने लेट हो चुकी है। खाद न मिलने से उनके खेत सूखने की कगार पर हैं, जिससे पूरी फसल खराब होने का खतरा है।

लंबी कतारें और अनिश्चितता

खाद लेने आए किसानों का कहना है कि खाद लेने के लिए करीब 500 लोगों की लाइन लगी है, लेकिन यह भी सुनिश्चित नहीं है कि सभी को खाद मिल पाएगी या नहीं। कई किसान भूखे-प्यासे घंटों तक अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। कुछ किसान रात 2 बजे से ही लाइन में खड़े हो रहे हैं ताकि सुबह उन्हें खाद मिल सके। यह स्थिति किसानों की हताशा और उनकी कठिनाइयों को दिखाती है। खाद वितरण में इस तरह की दुर्व्यवस्था से किसानों की मेहनत और समय दोनों प्रभावित हो रहे हैं।

तहसीलदार का बयान

पिछोर के तहसीलदार शिव शंकर गुर्जर ने किसानों की खाद की किल्लत पर प्रतिक्रिया देते हुए स्थिति को नियंत्रण में रखने का प्रयास करने की बात कही है। तहसीलदार ने कहा कि वह सुबह से ही मौके पर मौजूद हैं और किसानों की सुविधा के लिए महिलाओं और पुरुषों की अलग-अलग लाइनें लगवाई गई हैं। उन्होंने बताया कि जितनी खाद उपलब्ध हो रही है, उतनी किसानों को बांटने की पूरी कोशिश की जा रही है। तहसीलदार का कहना है कि किसान अभी बुवाई के लिए लेट नहीं हुए हैं। गोदाम पर लाइन में खड़े किसानों के लिए पानी की व्यवस्था की गई है ताकि उन्हें परेशानी न हो।

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