Budhni Accident: मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के बुधनी में शाहगंज थाना क्षेत्र के सियागहन गांव में एक भीषण हादसा हुआ है। यहां निर्माणाधीन पुल की दीवार गिरने से मलबे में कई मजदूर दब गए। हादसे में अब तक तीन मजदूरों की मौत हो गई है, जबकि पुलिस और रेस्क्यू टीम ने एक युवक को सुरक्षित बाहर निकाला है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है और प्रशासन को पीड़ित परिवारों को तत्काल मदद देने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन ने मृतकों के परिवारों को सहायता देने और हादसे की जांच करने का आश्वासन दिया है।
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हादसा कैसे हुआ
सियागहन गांव में पुल का निर्माण कार्य चल रहा था। निर्माणाधीन पुल की दीवार अचानक ढह गई, जिससे कई मजदूर मलबे में दब गए। यह हादसा उस समय हुआ जब मजदूर पुल के निर्माण कार्य में लगे हुए थे। स्थानीय पुलिस और बचाव दल मौके पर पहुंचे और मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने का प्रयास शुरू किया।
रेस्क्यू ऑपरेशन
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, और एक युवक को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। हादसे में मृतकों की संख्या अभी बढ़ने की आशंका है, क्योंकि मलबे में और भी लोग दबे हो सकते हैं। घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य में तेजी से काम किया जा रहा है, और आसपास के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है।
एक मजदूर को रेस्क्यू कर निकाला बाहर
सोमवार को सीहोर जिले के शाहगंज थाना क्षेत्र के सियागहन गांव में पुल निर्माण कार्य के दौरान एक दुखद हादसा हुआ। शाहगंज थाना प्रभारी पंकज वाडेकर ने बताया पुल निर्माण के दौरान पहले से बनी रोड की रिटेनिंग वॉल का स्लैब धंस गया, जिससे वहां काम कर रहे 4 मजदूर मिट्टी में दब गए। इस हादसे में 3 मजदूरों की मौत हो गई, जबकि एक मजदूर को रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया।
इस प्रकार हुई मृतकों की पहचान
सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। 25 साल के वीरेंद्र पिता सुखराम गौड को नर्मदा हॉस्पिटल नर्मदापुरम रैफर किया है। बताया जा रहा है कि वह ग्राम धनवास लटेरी, विदिशा का रहने वाला है। इस हादसे में 3 मजदूरों की मौत हो गई। करण पिता घनश्याम, रामकृष्ण उर्फ रामू पिता मांगीलाल गौड और भगवान लाल पिता बरसादी गौड़ के रूप में मृतकों की पहचान हुई है।
सीएम और प्रशासन का रुख
इस दुर्घटना के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दुख जताया है और प्रशासन को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन और पुलिस ने राहत कार्यों में तेजी लाने का आश्वासन दिया है और मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता देने की बात की है। यह हादसा निर्माण कार्य की सुरक्षा उपायों को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है, और उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन इसमें लापरवाही के कारणों की जांच करेगा।
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