West Bengal: पश्चिम बंगाल एक बार फिर राजनीतिक और सांप्रदायिक हिंसा की आग में झुलसता नजर आ रहा है। वक्फ संशोधन कानून के विरोध में इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) के समर्थकों द्वारा कोलकाता की ओर किए जा रहे मार्च को लेकर भांगर में हिंसा भड़क उठी। पुलिस द्वारा रास्ता रोके जाने पर हालात इस कदर बिगड़े कि प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और पुलिस के साथ जमकर झड़प हुई। भीड़ को काबू में लाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा, जिसके बाद कई दोपहिया वाहन जलाए गए और पुलिस की एक गाड़ी भी क्षतिग्रस्त हो गई।
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West Bengal: क्या है पूरा मामला?
ISF कार्यकर्ता कोलकाता के रामलीला मैदान की ओर वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए जा रहे थे। लेकिन जब पुलिस ने भांगर इलाके में उनके वाहनों को रोक दिया, तो प्रदर्शनकारियों ने बसंती एक्सप्रेसवे पर रास्ता जाम कर दिया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने उग्र रूप धारण कर लिया। वीडियो फुटेज में जलते हुए वाहन और पुलिस की क्षतिग्रस्त गाड़ी साफ देखी जा सकती है।
West Bengal: वक्फ संशोधन कानून बना हिंसा की वजह
विवाद की जड़ में है केंद्र द्वारा प्रस्तावित वक्फ संशोधन कानून, जिसे लेकर पश्चिम बंगाल के मालदा, मुर्शिदाबाद, और अब भांगर में बड़े पैमाने पर विरोध देखा जा रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह कानून अल्पसंख्यक समुदायों की जमीन और धार्मिक अधिकारों को प्रभावित करेगा।
West Bengal: राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज
इस पूरे घटनाक्रम पर तृणमूल कांग्रेस (TMC) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) आमने-सामने आ गए हैं। TMC ने आरोप लगाया है कि बीएसएफ (BSF) के कुछ जवान ऐसे लोगों को बंगाल में प्रवेश दे रहे हैं, जो यहां आकर हिंसा फैलाकर वापस लौट जाते हैं। दिलचस्प बात ये है कि BJP नेता दिलीप घोष भी पहले इस तरह के बयान दे चुके हैं।
टीएमसी ने सवाल उठाया है कि अगर दिलीप घोष को BSF की भूमिका की जानकारी है, तो गृह मंत्रालय और प्रधानमंत्री इससे अनजान कैसे हो सकते हैं? टीएमसी ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ BSF जवान चप्पल पहनकर मार्च कर रहे हैं और राजनीतिक नारे लगा रहे हैं। TMC का कहना है कि अगर ये वाकई BSF के जवान हैं तो यह अनुशासनहीनता का गंभीर मामला है, और अगर नहीं हैं, तो यह किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकता है।
पलायन पर फिरहाद हकीम का बयान
मुर्शिदाबाद में हिंसा के बाद कुछ परिवारों के कथित पलायन पर राज्य सरकार के मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि “वे बंगाल से ही बंगाल में जा रहे हैं। सब कुछ ठीक है। जो हुआ, वह निंदनीय है। पुलिस इसकी जांच कर रही है कि इसके पीछे कौन है।” उनका यह बयान विपक्ष के लिए एक नया हमला करने का मुद्दा बन गया है।
सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला
मुर्शिदाबाद हिंसा, जिसमें तीन लोगों की मौत और कई घायल हुए, अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। शीर्ष अदालत के वकील शशांक शेखर झा ने एक याचिका दायर कर इस पूरे मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) के गठन और उसकी निगरानी सुप्रीम कोर्ट से कराने की मांग की है। उन्होंने तर्क दिया कि यह मामला न केवल कानून-व्यवस्था से जुड़ा है, बल्कि नागरिकों के जीवन और अधिकारों पर भी गंभीर प्रभाव डालता है।
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