Tirupati Mandir: तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसिद्ध लड्डू प्रसाद में कथित तौर पर जानवरों की चर्बी की मिलावट की पुष्टि को लेकर विवाद गहरा गया है। हाल ही में आई राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है, जिसके बाद से धार्मिक और सियासी हलकों में उबाल है। साधु-संतों और धार्मिक संगठनों में इस खुलासे को लेकर भारी नाराजगी है, और उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके। तिरुपति बालाजी मंदिर आस्था का एक प्रमुख केंद्र है, उसके प्रसाद में जानवरों की चर्बी होने की बात से श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई हैं। इस मुद्दे ने राजनीतिक रूप भी ले लिया है, जहां विभिन्न दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।
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तिरुपति के लड्डू प्रसाद में जानवरों की चर्बी होने के दावा
आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू प्रसाद में मिलावट को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है, जिसने देशभर में सनसनी फैला दी है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के तहत संचालित सेंटर ऑफ एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइवस्टॉक एंड फूड (सीएएलएफ) लैब की एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि मंदिर में वितरित किए जा रहे लड्डू प्रसाद में बीफ की चर्बी, जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल किया गया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि यह सब मिलावट उस घी में की गई थी, जिसका उपयोग लड्डू बनाने में किया जाता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है कि उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से बात की है।
प्रसाद में जानवरों की चर्बी की मिलावट से साधु-संतों में रोष
तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू प्रसाद में फिश ऑयल और जानवरों की चर्बी मिलने की पुष्टि के बाद देशभर में भारी आक्रोश फैल गया है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है, जिसने धार्मिक समुदायों, विशेष रूप से साधु-संतों, में नाराजगी पैदा कर दी है। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर जो रहस्योद्घाटन किया है, वह एक बहुत ही गंभीर धार्मिक अपराध है।
दोषियों को मिलनी चाहिए सख्त सजा
सरस्वती ने इसे न केवल धार्मिक भावनाओं के साथ धोखा करार दिया, बल्कि इसे हिंदू आस्था पर गहरा आघात भी बताया। उन्होंने मांग की कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों को सख्त सजा दी जानी चाहिए। इस घटना ने तिरुपति बालाजी मंदिर की प्रतिष्ठा और पवित्रता पर सवाल खड़े कर दिए हैं, और साधु-संतों के साथ-साथ आम जनता भी इस मुद्दे पर गंभीर कार्रवाई की मांग कर रही है।
प्रसाद में पशु चर्बी का प्रयोग अत्यंत घृणित एवं असहनीय: विहिप
इस मामले में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विहिप के अंतरराष्ट्रीय महासचिव बजरंग बागड़ा ने कहा, हिंदुओं की भावनाओं के साथ इस प्रकार का खिलवाड़ जानबूझकर और लंबे समय से किया जा रहा है। इस घटना ने पूरे हिंदू समाज में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। उन्होंने इस घटना को हिंदुओं की आस्था पर सीधा हमला बताया और कहा कि हिंदू समाज अब इस प्रकार के हमलों को और बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जानवरों के मांस और मछली के तेल की मिलावट को अत्यंत घृणित और असहनीय करार दिया। विहिप का यह बयान मंदिर प्रशासन और सरकार पर कार्रवाई का दबाव बढ़ाने वाला है, क्योंकि यह मामला धार्मिक भावनाओं से जुड़ा हुआ है।
कांग्रेस ने की सीबीआई जांच की मांग
आंध्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शर्मिला रेड्डी ने तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में कथित जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल की मिलावट के मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी है। शर्मिला रेड्डी ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई से जांच करवाने की मांग की है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि यह मामला न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला है, बल्कि इससे लाखों श्रद्धालुओं की आस्था पर भी चोट पहुंची है। उन्होंने कहा कि अगर इन आरोपों में सच्चाई पाई जाती है, तो दोषी व्यक्तियों को कड़ी कानूनी कार्रवाई का सामना करना चाहिए।