Terrorists Attack : कश्मीर घाटी के पुंछ जिले के सुरनकोट इलाके में शनिवार शाम आतंकियों ने घात लगाकर एयरफोर्स के काफिले पर हमला किया। काफिले में शामिल दो वाहनों को आतंकियों ने निशाना बनाकर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। हमले में पांच जवान घायल हो गए। इन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां एक जवान शहीद गया। एक की हालत गंभीर है, जिसे एयरलिफ्ट कर उधमपुर अस्पताल ले जाया गया है। जवानों का बेस हास्पिटल में इलाज चल रहा है। इन जवानों की हालत स्थिर बताई जा रही है।
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आतंकवादियों ने काफिले पर बरसाई गोलियां
सेना का काफिला सनाई टॉप जा रहा था। इसी दौरान शाहसितार के पास आतंकियों ने वाहनों को निशाना बनाकर फायरिंग शुरू कर दी। वायुसेना के जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की। इसके बाद आतंकी जंगल की ओर भाग निकले। हमले की सूचना मिलने के बाद सेना के जवान और पुलिस बल मौके पर पहुंच गया और इलाके को घेर कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। घटनास्थल पर एयरफोर्स के गरुड़ कमांडो तैनात किए गए हैं।
सेना, सीआरपीएफ और पुलिस का सर्च अभियान
भारतीय वायुसेना के काफिले पर हमले की सूचना मिलते के तुरंत बाद भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस मौके पर पहुंची। सेना के वाहनों को शाहसितार के पास के बने एयरबेस के अंदर सुरक्षित पहुंचाया। राष्ट्रीय राइफल्स ने इस पूरे इलाके की घेराबंदी करके तलाशी शुरू कर दी है। इसके साथ भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान घटना में शामिल आतंकवादियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन जारी है।
25 मई को इन सीटों पर होगा मतदान
गौरतलब है कि पुंछ, राजौरी-अनंतनाग लोकसभा सीट में आता है। यहां छठे फेज में 25 मई को वोटिंग है। वहीं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हमले को कायराना हरकत बताते हुए शहीद सैनिक को श्रद्धांजलि अर्पित की है।
दिसंबर से पुंछ में तीसरा हमला
इससे पहले आतंकियों ने 12 जनवरी को कृष्णा घाटी इलाके में सैन्य वाहनों को निशाना बनाया था, जिसमें चार जवान शहीद हो गए थे। इससे पहले 22 दिसंबर, 2023 को डेरा की गली इलाके में सैन्य वाहनों पर हमला किया गया था। अब यह तीसरा हमला हमला है। सुरक्षा बलों को आशंका है कि दिसंबर में हुए हमले में शामिल आतंकियों ने ही इस हमले को अंजाम दिया है।
एक ही तरीके से हमले
पुंछ में दिसंबर से हुए तीनों हमले एक ही तरीके से किए गए। पहले से घात लगाए आतंकियों की ओर से शाम के वक्त सैन्य वाहनों पर हमले किए जा रहे हैं। यह हमले जंगल वाले इलाकों में हो रहा है। इसके बाद आतंकी भागकर जंगलों में छिप जा रहे हैं। अंधेरे का लाभ उठाकर आतंकी जंगल में दूर तक निकल जा रहे हैं।