Tarsem Singh murder: मंगलवार सुबह उत्तराखंड से एक महत्वपूर्ण खबर आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उधम नगर सिंह के नानकमत्ता गुरुद्वारे के डेरा कारसेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड का एक आरोपी पुलिस एनकाउंटर में मारा गया है। बताया जा रहा है कि वह देर रात हरिद्वार पुलिस और उत्तराखंड एसटीएफ से हुई मुठभेड़ में मार गया है। एसटीएफ और पुलिस अमरजीत सिंह के दूसरा साथी की तलाश कर रही हैं।
जो वहां से फरार हो गया। पिछले दिनों नानकमत्ता गुरुद्वारे के डेरा कारसेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद ही पुलिस को इन दोनों आरोपियों की तलाश थी। इनकी तस्वीरें भी जारी की गई थीं जो सीसीटीवी में कैद हो गई थीं।
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मॉर्निंग वॉक के दौरान मार दी थी गोली:
बाबा तरसेम सिंह को पंजाब और तराई में सिखों का सिरमौर कहा जाता था। कुछ समय पहले श्री नानकमत्ता साहिब गुरुद्वारे के कारसेवा प्रमुख तरसेम सिंह की हत्या की खबर आई थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में दो अज्ञात लोगों ने बाब तरसेम सिंह को गोली मार दी थी। बताया जा रहा है कि तरन तारन के गांव मियाविंड निवासी सरबजीत सिंह ने बाबा तरसेम सिंह की हत्या की जिम्मेदारी ली थी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, कारसेवा डेरा के मालिक बाबा तरसेम सिंह 28 मार्च को सुबह वॉक करने निकले थे उस वक़्त उनकी हत्या कर दी गई थी| यह घटना सुबह करीब छह बजे की थी। पुलिस के अनुसार गोली बहुत नजदीक से मारी गई थी।पुलिस के अनुसार घटना की सूचना मिलते ही उन्हें सेवादार खटीमा अस्पताल ले जाया गया, परन्तु वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था।
बिट्टू पर 16 से अधिक मुकदमे दर्ज:
हरिद्वार के एसएसपी परमिंदर डोभाल ने बताया कि देर रात यह मुठभेड़ कलियर रोड और भगवानपुर के बीच हुई। उन्होंने यह भी बताया कि अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू एक शार्पशूटर था जिसे एसटीएफ और पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया| रिपोर्ट्स के अनुसार बिट्टू के खिलाफ 16 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।
वारदात के समय सरबजीत सिंह बाइक चला रहा था, जबकि अमरजीत सिंह (बिट्टू) उसके पीछे बैठा था। अमरजीत सिंह को ही इस हत्याकांड में मुख्य आरोपी बताया गया था। दरअसल तरसेम सिंह को अमरजीत सिंह ने ही गोली मार थी। जानकारी के अनुसार, अमरजीत ने पहले तरसेम सिंह को एक गोली मार दी उसके बाद बाइक को घुमा कर फिर से दूसरी गोली मारी।
हत्या के बाद हो गए थे फरार:
गोली मारने के बाद वे दोनों वहां से भाग गए। उत्तराखंड के डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि तरसेम की हत्या के बाद एसटीएफ और पुलिस दोनों आरोपियों की लगातार खोज कर रहे थे। उनका कहना था कि पुलिस ऐसे अपराधियों से सख्ती से निपटेगी। बता दें सरबजीत सिंह और अमरजीत सिंह के अलावा पुलिस ने इस हत्याकांड में श्री नानकमत्ता साहिब के प्रधान हरबंस सिंह चुघ, खेमपुर गदरपुर निवासी प्रीतम सिंह संधू और जत्थेदार बाबा अनूप सिंह को भी आरोपी बताया है।