Rajnath Singh: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को लेकर बड़ा और भावनात्मक बयान देते हुए कहा कि “मेरा ही भाई है, मुझसे दूर कहां जाएगा”। उन्होंने महाराणा प्रताप के भाई शक्ति सिंह का उल्लेख करते हुए विश्वास जताया कि POK एक दिन स्वेच्छा से भारत की मुख्यधारा में लौट आएगा। सिंह दिल्ली में CII (भारतीय उद्योग परिसंघ) की बैठक को संबोधित कर रहे थे, जहां उन्होंने आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इंडिया, और रक्षा क्षेत्र की प्रगति को लेकर विस्तार से अपनी बात रखी।
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Rajnath Singh: मैं भारत ही हूं, मैं वापस आया हूं
राजनाथ सिंह ने कहा, मैं मानता हूँ कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लोग हमारे अपने हैं, हमारे परिवार का हिस्सा हैं। हमें पूर्ण विश्वास है कि एक दिन वे अपने स्वाभिमान और आत्मा की आवाज पर भारत लौटेंगे। उन्होंने महाराणा प्रताप के छोटे भाई शक्ति सिंह का उदाहरण देते हुए कहा, महाराणा प्रताप का विश्वास कभी नहीं डगमगाया, वह जानते थे कि उनका भाई सही रास्ते पर लौटेगा। ठीक उसी तरह, POK के लोग भी एक दिन कहेंगे – मैं भारत ही हूं, मैं वापस आया हूं।
Rajnath Singh: पाकिस्तान को चेतावनी, आतंकवाद की कीमत चुकानी पड़ेगी
पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि अब आतंकवाद ‘कॉस्ट इफेक्टिव’ नहीं रहा। पाकिस्तान को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी है। उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर में हमने पहले आतंकी ठिकानों को और फिर सैन्य अड्डों को तबाह किया। लेकिन हमने संयम और शक्ति दोनों का संतुलन दिखाया।”
Rajnath Singh: ‘मेक इन इंडिया’ बना राष्ट्रीय सुरक्षा की रीढ़
राजनाथ सिंह ने आत्मनिर्भरता को भारत की सुरक्षा और समृद्धि दोनों के लिए जरूरी बताते हुए कहा कि मेक इन इंडिया अभियान अब फल दे रहा है। उन्होंने कहा, अगर हमारी सेनाओं के पास घरेलू स्तर पर बनी तकनीक और हथियार न होते, तो हम आतंकवाद के खिलाफ इतनी प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पाते।
उन्होंने जानकारी दी कि हाल ही में 5वीं जनरेशन फाइटर जेट ‘ऐमका प्रोजेक्ट’ को मंजूरी दी गई है। इसके तहत पांच प्रोटोटाइप तैयार किए जाएंगे और बाद में इसका सीरीज प्रोडक्शन होगा। यह देश के एयरोस्पेस क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा, क्योंकि इसमें पहली बार प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर दोनों की साझेदारी होगी।
रक्षा निर्यात में ऐतिहासिक उछाल
रक्षा मंत्री ने कहा कि आज भारत के रक्षा निर्यात ने 23,500 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है। दस साल पहले यह 1,000 करोड़ रुपये से भी कम था। उन्होंने कहा, “हम सिर्फ हथियार नहीं, बल्कि सिस्टम, सब-सिस्टम, कंपोनेंट और सेवाएं भी 100 से अधिक देशों को निर्यात कर रहे हैं।”
उन्होंने बताया कि देश में 16,000 से अधिक MSMEs रक्षा क्षेत्र से जुड़ी हैं, जो इस आत्मनिर्भरता यात्रा की रीढ़ हैं और लाखों लोगों को रोजगार दे रही हैं। इसके साथ ही भारत का कुल रक्षा उत्पादन अब 1.46 लाख करोड़ रुपये को पार कर चुका है, जिसमें 32,000 करोड़ रुपये निजी क्षेत्र का योगदान है।
‘भारत की यह केवल विकास नहीं, विश्वास यात्रा है’
अपने संबोधन में उन्होंने कहा, आज भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। लेकिन यह केवल आर्थिक वृद्धि नहीं, बल्कि भारत पर दुनिया के भरोसे और भारत के आत्मविश्वास की भी यात्रा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रक्षा क्षेत्र ने पहली बार भारत की समग्र प्रगति में निर्णायक भूमिका निभाई है।
राजनाथ सिंह का यह बयान केवल राजनीतिक या सामरिक रणनीति नहीं, बल्कि एक भावनात्मक अपील और भारत की एकता के प्रति अटूट विश्वास का प्रतीक था। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अब न सिर्फ रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो चुका है, बल्कि विश्व मंच पर एक जिम्मेदार और सशक्त राष्ट्र के रूप में भी अपनी भूमिका निभा रहा है।
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