PM Modi: पीएम मोदी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल की गई एक याचिका को खारिज कर दिया गया है। दिल्ली हाईकोर्ट में लगाई गई इस याचिका में याचिकाकर्ता ने पीएम मोदी के खिलाफ अचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए 6 साल तक चुनाव लड़के पर रोक की मांग की कई थी। दिल्ली हाइकोर्ट ने याचिका को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि कोर्ट चुनाव आयोग को इस बारे में आदेश नहीं दे सकता कि वो कैसे काम करे।
पीएम मोदी के खिलाफ यह याचिका एडवोकेट आनदं एस जोंधले ने दायर की थी। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने आचार संहिता का उल्लंघन किया। इसके साथ ही याचिका में पीएम मोदी को 6 साल के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
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चुनाव आयोग को नहीं दे सकते आदेश:
याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की एकल पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता पहले ही मान बैठे हैं कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है। साथ ही कहा गया कि किसी की शिकायत पर कोर्ट चुनाव आयोग को विशेष दृष्टिकोण अपनाने के लिए निर्देश नहीं दे सकता।
इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग से याचिकाकर्ता पहले ही संपर्क कर चुका है। ऐसे में चुनाव आयोग याचिकाकर्ता की शिकायत पर विचार कर सकता है। वहीं इस मामले में सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग की ओर से पेश हुए वकील सिद्धांत कुमार ने कोर्ट में कहा गया कि याचिकाकर्ता की शिकायत का संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाएगी और इस मामले जो भी जरूरी आदेश होंगे वे जारी किए जाएंगे।
चुनाव आयोग ने क्या कहा:
इस मामले में सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग की ओर से वकील सिद्धांत कुमार पेश हुए। वकील सिद्धांत कुमार ने कोर्ट से कहा कि आयोग को रोजाना इस तरह के आवेदन मिल रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि इन आवेदनों पर कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। याचिकाकर्ता वकील आनंद एस जोंधले की ओर से दाखिल याचिका में जन प्रतिनिधि अधिनियम के तहत पीएम मोदी के 6 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
धर्म और देवी देवताओं के नाम पर मांगे वोट:
याचिकाकर्ता ने दायर याचिका में कहा गया कि पीएम मोदी ने धर्म और देवी देवताओं के नाम पर वोट मांगे। याचिका में पीएम मोदी के उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में 9 अप्रैल को दिए भाषण का हवाला दिया। इसके साथ ही याचिका में पीएम मोदी पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था।
याचिका में कहा गया कि पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान हिंदू और सिख देवी देवताओं और उनके पूजा स्थलों के नाम पर वोट मांगे। इसके साथ ही याचिका में आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने विपक्षी पार्टियों पर मुसलमानों का पक्ष लेने के आरोप लगाते हुए बयान दिए।
चुनाव आयोग से भी की शिकायत:
याचिकाकर्ता ने बताया था कि उसने इस बारे में चुनाव आयोग से भी शिकायत की थी। इसके साथ ही चुनाव आयोग को की गई शिकायत में अपील की थी कि पीएम मोदी के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 ए के तहत एफआईआर दर्ज की जाए। इसके साथ ही पीएम मोदी को अयोग्य घोषिम करते हुए उन पर चुनाव लड़ने की रोक लगाने की कार्रवाई की जाए।