Pema Khandu Oath: पेमा खांडू ने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में तीसरी बार शपथ ली है। यह उनके नेतृत्व और प्रदेश में उनकी लोकप्रियता का प्रतीक है। खांडू, जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख नेता हैं, ने पहली बार 2016 में मुख्यमंत्री का पद संभाला था। उनकी नेतृत्व क्षमता और विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें राज्य में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक व्यक्ति बना दिया है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त), केटी परनाइक ने ईटानगर के दोरजी खांडू कन्वेंशन सेंटर में मुख्यमंत्री पेमा खांडू व उपमुख्यमंत्री चौना मीन और 10 अन्य कैबिनेट मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
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12 सदस्यीय मंत्रिपरिषद में एकमात्र महिला मंत्री
बियुराम वाहगे राज्य भाजपा अध्यक्ष हैं, जबकि दासंगलु पुल मुख्यमंत्री खांडू की अध्यक्षता वाली 12 सदस्यीय मंत्रिपरिषद में एकमात्र महिला मंत्री हैं। शपथ लेने वाले अन्य मंत्रियों में बियुराम वाहगे, न्यातो दुकम, गेब्रियल डेनवांग वांगसू, वांगकी लोवांग, पासंग दोरजी सोना, मामा नटुंग, दासंगलू पुल, बालो राजा, केंटो जिनी और ओजिंग तासिंग शामिल हैं।
अमिता शाह और जेपी नड्डा सहित कई नेता हुए शामिल
पेमा खांडू के शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग और कई अन्य नेता शामिल हुए है।
बुधवार को बैठक में चुने गए विधायक दल के नेता
एक दिन पहले बुधवार की बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग और पार्टी के अरुणाचल प्रभारी अशोक सिंघल मौजूद थे, इसमें खांडू को विधायक दल का नेता चुना गया। बता दें कि 19 अप्रैल को लोकसभा चुनावों के साथ-साथ हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे आम चुनावों के नतीजों की घोषणा से दो दिन पहले दो जून को घोषित किए थे। 60 सदस्यीय अरुणाचल विधानसभा में भाजपा ने 46 सीटें हासिल कीं, जो 2019 की तुलना में पांच अधिक है। इनमें से सीएम खांडू की सीट सहित 10 सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए।
पेमा खांडू पहली बार 2016 मे बने थे सीएम
अरुणाचल के पूर्व मुख्यमंत्री दोरजी खांडू के बेटे, मोनपा समुदाय के नेता पेमा खांडू (45) पहली बार 2016 में मुख्यमंत्री बने थे। उस समय उन्होंने कई विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़कर पीपीए में शामिल हो गए थे। इसके बाद फिर भाजपा का दामन थाम लिया। भाजपा ने 2019 के विधानसभा चुनावों में अरुणाचल प्रदेश में पहली बार चुनावी जीत दर्ज की थी।
नई सरकार के सामने होंगी कई चुनौतियां
अरुणाचल प्रदेश के विकास और प्रशासन में उनके प्रयासों के कारण, वे राज्य की जनता के बीच व्यापक समर्थन प्राप्त करने में सफल रहे हैं। उनकी नई सरकार के सामने कई चुनौतियां होंगी, जिनमें बुनियादी ढांचे का विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, और राज्य की समग्र आर्थिक प्रगति शामिल हैं। इस शपथ ग्रहण के साथ, पेमा खांडू ने अपनी प्रतिबद्धता और प्रदेश के विकास के प्रति अपने संकल्प को फिर से प्रदर्शित किया है। उनके नेतृत्व में, राज्य में सकारात्मक बदलाव और प्रगति की उम्मीद की जा रही है।