Pahalgam Terror Attack: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर स्पष्ट शब्दों में कहा है कि भारत आतंकवाद और इसके समर्थकों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यह सख्त संदेश उन्होंने उस वक्त दिया जब भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम आतंकी हमले के बाद तनाव चरम पर पहुंच गया है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के लोकप्रिय पर्यटन स्थल बैसरन घाटी में हुए इस हमले में 26 लोगों की जान गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए।
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Pahalgam Terror Attack: आतंकवादी के खिलाफ हम पूरी तरह एकजुट
प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ मैनुअल गोंकाल्वेस लौरेंको के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, आतंकवाद के खिलाफ हम पूरी तरह एकजुट हैं। मैं पहलगाम आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों के प्रति सहानुभूति जताने के लिए राष्ट्रपति लौरेंको और अंगोला के लोगों का धन्यवाद करता हूं।
Pahalgam Terror Attack: आतंकवाद का कोई धर्म या सीमा नहीं होता
प्रधानमंत्री ने दो टूक कहा, भारत आतंकवादियों और उनका समर्थन करने वालों के खिलाफ दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है। आतंकवाद का कोई धर्म या सीमा नहीं होता, और इसकी कोई मानवीय स्वीकार्यता नहीं हो सकती।
Pahalgam Terror Attack: पाकिस्तान के खिलाफ कई रणनीतिक और कूटनीतिक फैसले
प्रधानमंत्री का यह बयान उस समय आया है जब भारत सरकार ने पहलगाम हमले के बाद एक के बाद एक कठोर कदम उठाए हैं। हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े समूह ‘टीआरएफ’ ने ली थी। जांच में यह भी सामने आया है कि इस हमले में शामिल चार heavily armed आतंकवादियों में से दो पाकिस्तान के नागरिक थे। हमले के ठीक अगले दिन, 23 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) की एक आपात बैठक बुलाई, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ कई रणनीतिक और कूटनीतिक फैसले लिए गए।
भारत सरकार के प्रमुख कदमों में शामिल हैं:
सिंधु जल संधि का निलंबन: भारत ने 1960 में पाकिस्तान के साथ हुई सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। यह ऐतिहासिक निर्णय भारत के अब तक के सबसे कड़े जल कूटनीतिक कदमों में से एक माना जा रहा है।
सीमा और वीजा प्रतिबंध: अटारी-वाघा सीमा को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही पाकिस्तान के नागरिकों को दिए गए सभी वीजा रद्द कर दिए गए हैं।
डिजिटल और राजनयिक मोर्चे पर कार्रवाई: पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों, सोशल मीडिया हैंडल्स और एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट्स पर निगरानी और कार्रवाई शुरू कर दी गई है। साथ ही भारतीय उच्चायोग में पाकिस्तानी स्टाफ की संख्या घटा दी गई है और कई पाकिस्तानी राजनयिकों को वापस भेजने का आदेश भी जारी हुआ है।
‘आतंक के हर समर्थक की होगी पहचान और सज़ा’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हम हर आतंकवादी और उसके समर्थकों की पहचान करेंगे, उन्हें ढूंढ़ निकालेंगे और उन्हें दंडित करेंगे। हम उन्हें धरती के किसी भी कोने में छुपने नहीं देंगे। भारत की सुरक्षा सर्वोपरि है और हम इसमें किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे। भारत ने पाकिस्तान से सभी प्रकार के आयात पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह के व्यापार पर लागू होगा। वाणिज्य मंत्रालय ने इस पर 2 मई को अधिसूचना जारी कर दी है।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही गंभीर संकट में है और वह विदेशी कर्ज पर निर्भर है। भारत अब IMF, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक जैसी संस्थाओं से पाकिस्तान को मिल रही वित्तीय मदद की समीक्षा की मांग करेगा। साथ ही FATF से उसे फिर ‘ग्रे लिस्ट’ में डालने की भी अपील की जा रही है।
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