Pahalgam Terror Attack: भारत सरकार ने एक और सख्त डिजिटल कदम उठाते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के आधिकारिक यूट्यूब चैनल को भारत में ब्लॉक कर दिया है। यह अब तक की सबसे हाई-प्रोफाइल डिजिटल कार्रवाई मानी जा रही है। जब कोई भारतीय उपयोगकर्ता शहबाज शरीफ का यूट्यूब चैनल खोलने की कोशिश करता है, तो वहां लिखा आता है: राष्ट्रीय सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित सरकार के आदेश के कारण यह कंटेंट फिलहाल इस देश में उपलब्ध नहीं है।
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Pahalgam Terror Attack: पाकिस्तान के सोशल मीडिया चैनल्स पर कार्रवाई
यह कार्रवाई भारत सरकार की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह पाकिस्तान से प्रसारित हो रही झूठी सूचनाओं और भारत विरोधी दुष्प्रचार का मुकाबला कर रही है। खासकर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद भारत ने अपने डिजिटल सुरक्षा तंत्र को और मजबूत किया है।
Pahalgam Terror Attack: भारत का डिजिटल प्रहार
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय पहले भी कई पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों और सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक कर चुका है। इन पर आरोप है कि वे भारत की संप्रभुता, अखंडता और सार्वजनिक व्यवस्था को कमजोर करने वाली सामग्री प्रसारित करते हैं। हाल ही में ब्लॉक किए गए अन्य सोशल मीडिया अकाउंट्स में पूर्व क्रिकेटर शोएब अख्तर, पत्रकार आरजू काजमी, यूट्यूबर सैयद मुज्जमिल शाह, ओलंपियन अरशद नदीम और शाहिद अफरीदी के यूट्यूब व इंस्टाग्राम अकाउंट शामिल हैं। इसके साथ ही, 30 अप्रैल को पाकिस्तानी फिल्म अभिनेत्रियां हनिया आमिर और माहिरा खान के इंस्टाग्राम प्रोफाइल भी भारत में ब्लॉक कर दिए गए।
Pahalgam Terror Attack: पीओके में 1000 से अधिक मदरसे बंद
भारत की संभावित सैन्य कार्रवाई के डर से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में 1000 से अधिक मदरसे कम से कम 10 दिनों के लिए बंद कर दिए गए हैं। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, इन मदरसों को इसलिए बंद किया गया क्योंकि भारत लगातार यह दावा करता रहा है कि इन संस्थानों का उपयोग आतंकवादियों के छिपने और ट्रेनिंग लेने के लिए किया जाता है। स्थानीय प्रशासन ने छात्रों के लिए छुट्टियों की घोषणा की है और कहा है कि यह कदम सरकार के निर्देशानुसार एहतियातन उठाया गया है। पाकिस्तान सरकार ने इससे पहले गिलगित और स्कार्दू के लिए घरेलू उड़ानें भी रद्द कर दी थीं और सभी आने-जाने वाले विदेशी विमानों की कड़ी निगरानी शुरू कर दी थी।
भारत की सख्त जवाबी रणनीति
22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कूटनीतिक और सामरिक कदम उठाए हैं। इनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, अटारी एकीकृत जांच चौकी को बंद करना और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द करना शामिल हैं। इसके जवाब में पाकिस्तान ने शिमला समझौते को स्थगित किया और भारतीय उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने की चेतावनी दी। साथ ही भारतीय नागरिकों के वीजा भी रद्द कर दिए गए हैं। हालांकि पाकिस्तान ने यह भी स्पष्ट किया है कि वाघा सीमा अभी भी उनके नागरिकों के लिए खुली रहेगी, ताकि भारत में फंसे पाकिस्तानी नागरिक वापस लौट सकें।
पाकिस्तानी नेताओं की स्वीकारोक्ति: ‘हमने आतंक को पाला’
इस बीच, पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी स्वीकार किया है कि देश का अतीत आतंकवाद को समर्थन देने वाला रहा है। स्काई न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने अफगान युद्ध के दौरान पश्चिमी देशों के साथ मिलकर मुजाहिदीन को समर्थन दिया था। उन्होंने कहा कि यह इतिहास का कड़वा सच है और पाकिस्तान ने इसकी कीमत भी चुकाई है।
बिलावल से पहले, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी यही स्वीकार किया था कि इस्लामाबाद दशकों तक आतंकवाद को बढ़ावा देने का ‘गंदा काम’ करता रहा है। हालांकि दोनों नेताओं ने यह भी कहा कि अब स्थिति में सुधार आया है और पाकिस्तान ने कट्टरपंथी ताकतों पर कार्रवाई की है।
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