Operation Sindoor: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का भारतीय सेना ने सटीक और निर्णायक जवाब दिया है। 6-7 मई की रात भारतीय सेना द्वारा अंजाम दिए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में मौजूद नौ आतंकी ठिकानों को पूरी तरह नेस्तनाबूद कर दिया गया। अब इस ऑपरेशन में मारे गए आतंकियों की जो सूची सामने आई है, वह पाकिस्तान में आतंक के नेटवर्क पर भारतीय प्रहार की गंभीरता को दर्शाती है। इन मारे गए आतंकियों में पाकिस्तान के टॉप-5 मोस्ट वांटेड आतंकी शामिल हैं, जिनका सीधा संबंध लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे खतरनाक आतंकी संगठनों से था।
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Operation Sindoor: मारे गए एक-एक आतंकियों की पूरी कुंडली
सबसे बड़ी बात यह है कि इस ऑपरेशन में मारे गए आतंकियों में से कई मौलाना मसूद अजहर के करीबी थे। इससे यह संकेत मिलता है कि भारत ने न केवल आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया है, बल्कि आतंकी संगठनों के नेतृत्व ढांचे को भी गहरी चोट पहुंचाई है। मसूद अजहर, जो खुद भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी है, उसके नेटवर्क को हुए इस नुकसान को रणनीतिक रूप से एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।
मारे गए टॉप-5 आतंकियों की जानकारी
Operation Sindoor: 1 मुदस्सर खादियान उर्फ अबू जुंदाल (लश्कर-ए-तैयबा)
मुदस्सर लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रमुख चेहरा था और मरकज तैयबा, मुरीदके का प्रभारी था। पाकिस्तान की सेना और सियासी नेतृत्व द्वारा उसके अंतिम संस्कार में जिस तरह से सम्मान दिया गया, उससे उसकी अहमियत का अंदाजा लगाया जा सकता है। पाक सेना प्रमुख से लेकर पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज तक ने उसे श्रद्धांजलि दी। उसका जनाजा सरकारी स्कूल में पढ़ाया गया, जिसमें जमात-उद-दावा के हाफिज अब्दुल रऊफ ने नेतृत्व किया और कई पाकिस्तानी अधिकारी भी शामिल हुए।
Operation Sindoor: 2 हाफिज मुहम्मद जमील (जैश-ए-मोहम्मद)
मसूद अजहर का सबसे बड़ा साला और मरकज सुभान अल्लाह, बहावलपुर का प्रभारी। जमील का मुख्य काम जैश के लिए फंड जुटाना और युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा की ओर मोड़ना था। ऑपरेशन सिंदूर में उसकी मौत से जैश के आर्थिक और वैचारिक नेटवर्क को गंभीर नुकसान पहुंचा है।
3 मोहम्मद यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद जी (जैश-ए-मोहम्मद)
यह आतंकी मसूद अजहर का साला था और जैश के लिए हथियार प्रशिक्षण का प्रभारी था। यूसुफ अजहर को 1999 में काठमांडू से दिल्ली आ रहे इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट IC-814 के अपहरण के मामले में भी भारत में वांछित माना गया था। उसकी मौत से जैश के सैन्य ढांचे को बड़ा झटका लगा है।
4 खालिद उर्फ अबू अक्शा (लश्कर-ए-तैयबा)
यह आतंकी अफगानिस्तान से हथियारों की तस्करी में माहिर था और जम्मू-कश्मीर में कई हमलों में शामिल था। उसे फैसलाबाद में सुपुर्द-ए-खाक किया गया, जहां पाकिस्तानी सेना और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। यह दर्शाता है कि खालिद को पाकिस्तानी प्रतिष्ठान से संरक्षण प्राप्त था।
5 मोहम्मद हसन खान (जैश-ए-मोहम्मद)
यह पीओके में जैश का ऑपरेशनल कमांडर था और आतंकवादी हमलों के समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था। हसन खान, मौलाना असगर खान कश्मीरी का बेटा था और जैश के भविष्य के नेतृत्व में शामिल माना जा रहा था। उसकी मौत जैश के पीओके ऑपरेशंस के लिए एक बड़ा झटका है।
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