Operation Sindoor: जम्मू-कश्मीर की सीमा पर भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर तनाव गहरा गया है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने हाल ही में चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान की पांच सैन्य चौकियों और एक आतंकी लॉन्चपैड को पूरी तरह नष्ट कर दिया है। इस ऑपरेशन में बीएसएफ ने पाकिस्तान के भारी गोलाबारी का माकूल जवाब देते हुए उन्हें बड़ा नुकसान पहुंचाया। बीएसएफ कमांडेंट चंद्रेश सोना ने बुधवार को पीटीआई से बातचीत में इस ऑपरेशन के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
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Operation Sindoor: मुंहतोड़ जवाब: पांच चौकियां और लॉन्चपैड तबाह
बीएसएफ के कमांडेंट चंद्रेश सोना ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की ओर से की जा रही अकारण गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया गया। उन्होंने कहा, हमने उनकी कई संपत्तियों को नष्ट किया है। मस्तपुर इलाके में उनका एक लॉन्चपैड था, जिसे हमारी कार्रवाई में पूरी तरह तबाह कर दिया गया। इसके अलावा पाकिस्तान की पांच सैन्य चौकियों और कई बंकरों को भी निशाना बनाकर ध्वस्त कर दिया गया।
Operation Sindoor: पाकिस्तान को हुआ भारी नुकसान
कमांडेंट के अनुसार, ऑपरेशन के दौरान भारतीय बलों ने पाकिस्तानी सेना और रेंजर्स के संयुक्त प्रयासों का मुकाबला किया और उन्हें भारी क्षति पहुंचाई। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के बाद भी कई घंटों तक पाकिस्तान की ओर से एम्बुलेंसों की आवाजाही देखी गई, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि पाकिस्तानी पक्ष को गंभीर नुकसान पहुंचा है।
Operation Sindoor: नागरिकों को निशाना बना रहा पाकिस्तान
बीएसएफ अधिकारी ने यह भी बताया कि इस जवाबी कार्रवाई के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और लगातार भारतीय चौकियों और नागरिक इलाकों को निशाना बना रहा है। उन्होंने कहा, 10 मई को पाकिस्तान ने हमारी चौकियों, तैनाती स्थलों और सीमावर्ती गांवों पर 61 एमएम और 82 एमएम मोर्टार से भारी गोलाबारी की। यह सीधे तौर पर आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए खतरा था।
आतंकियों के लॉन्चपैड को खत्म किया
भारत की जवाबी कार्रवाई से जहां एक ओर आतंकियों के लॉन्चपैड को खत्म किया गया, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान को सीमा पर अपनी गतिविधियों को लेकर सचेत भी कर दिया गया है। बीएसएफ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय सुरक्षाबल किसी भी उकसावे को बर्दाश्त नहीं करेंगे और पूरी ताकत से जवाब देंगे।
महिला जवानों की साहसिक भागीदारी
ऑपरेशन सिंदूर की सबसे प्रेरणादायक कहानी महिला जवानों की है, जिन्होंने अग्रिम मोर्चे पर न केवल डटे रहने का संकल्प लिया, बल्कि पूरी बहादुरी के साथ दुश्मन का सामना भी किया। कमांडेंट सोना ने बताया, हर बीएसएफ बटालियन में महिला कांस्टेबल तैनात हैं। इस ऑपरेशन के दौरान जब उन्हें मुख्यालय लौटने का विकल्प दिया गया, तो उन्होंने साफ मना कर दिया और अपने पुरुष साथियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहने का फैसला किया।
उन्होंने एक महिला कांस्टेबल का उदाहरण देते हुए कहा कि उसने अपने छोटे बच्चे को परिवार को सौंपकर सीमा पर मोर्चा संभाल लिया। यह न केवल उनकी सेवा भावना को दर्शाता है, बल्कि भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की बढ़ती भूमिका और उनकी प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और आगे की रणनीति
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत-पाक सीमा पर तनाव काफी बढ़ गया है। पाकिस्तान की ओर से लगातार संघर्षविराम उल्लंघन की खबरें आ रही हैं। इस बीच भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी पाकिस्तान की हरकतों का मुद्दा उठाने की तैयारी कर ली है।
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