Make in India Defence Power: भारत अब वह देश नहीं रहा जो वैश्विक ताकतों की दया पर अपनी रक्षा रणनीतियाँ तय करता था। आज का भारत आत्मनिर्भर है—मन से भी, विज्ञान से भी और सैन्य शक्ति से भी। ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) इसका ताजा और ज़बरदस्त उदाहरण है, जिसने यह साबित कर दिया कि अब भारत किसी पर निर्भर नहीं, बल्कि अपनी तकनीक, अपने शौर्य और अपने संकल्प के दम पर दुश्मन को उसकी ही ज़मीन पर घुसकर चेतावनी दे सकता है—वो भी बिना सीमा लांघे।
जब रक्षा मंत्रालय ने यह कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य ऑपरेशन नहीं, बल्कि एक मील का पत्थर है”, तो यह सिर्फ बयान नहीं था, यह उस नई सैन्य सोच का एलान था जो अब भारत के डीएनए में रच-बस चुकी है। पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए अब हमें F-16 की ज़रूरत नहीं, अब हमारे पास अपने ‘सुसाइड ड्रोन’, अपनी ‘इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर’ क्षमता और अपने ‘लॉन्ग-रेंज गाइडेड वेपन्स’ हैं। और ये सब हुआ Make in India के उस विजन के तहत जो अब सिर्फ नारा नहीं, बल्कि राष्ट्र की रक्षा की रीढ़ बन चुका है।
चीन के PL-15 मिसाइल के टुकड़े, तुर्की के ‘Yiha’ ड्रोन का मलबा, ये सब इस बात का प्रमाण हैं कि पाकिस्तान ने विदेशी हथियारों के दम पर भारत को डराने की कोशिश की। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर ने उन्हें बता दिया—अब डराने का काम किसी और का नहीं, भारत का है। और जब भारत डराता है, तो 23 मिनट में नूर खान और रहीमयार खान जैसे एयरबेस धूल चाटते हैं। ये 23 मिनट सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं थे—ये 23 मिनट भारत के आत्मनिर्भर भविष्य की उद्घोषणा थे।
सबसे गर्व की बात यह रही कि यह पूरा ऑपरेशन सीमा पार किए बिना अंजाम दिया गया। भारत ने पूरी दुनिया को दिखा दिया कि अब लड़ाई सिर्फ मैदान में बंदूक से नहीं लड़ी जाती, बल्कि तकनीक, रणनीति और आत्मबल से भी जीती जाती है। भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना की समन्वित कार्रवाई ने एक अभेद्य सुरक्षा कवच तैयार किया, जिसने पाकिस्तान के हर पलटवार को नाकाम कर दिया।
इस पूरे पराक्रम की झलक उस युवा वैज्ञानिक की आंखों में है, जिसने अपने लैब में घंटों मेहनत कर स्वदेशी तकनीक को आकार दिया। उस सैनिक की मां के चेहरे पर है, जिसे अब यकीन है कि उसका बेटा सिर्फ़ शौर्य ही नहीं, स्वदेशी तकनीक की ढाल से भी सुरक्षित है। और उस छोटे शहर के छात्र के सपने में है, जो अब खुद को रॉकेट वैज्ञानिक बनने की कल्पना करता है—अपने देश के लिए।
भारत का यह नया सैन्य दृष्टिकोण यह दिखाता है कि अब ‘शौर्य’ भी देसी है और ‘शस्त्र’ भी देसी। अब हर युद्ध एक संदेश है—दुनिया को, आतंकवाद को और उन ताकतों को जो भारत की अखंडता पर सवाल उठाते हैं।
आज हम सिर्फ जवाब देने की स्थिति में नहीं, बल्कि निर्णय लेने की स्थिति में हैं। हमारी सेना अब सिर्फ रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक भी है, और आत्मनिर्भर भी। यही है नया भारत, और यही है वह राष्ट्र जो ना झुकता है, ना रुकता है—बस बढ़ता है, अपने बूते।
तो अब वक्त आ गया है जब हम गर्व से कहें:
“अब लड़ाई सिर्फ़ शौर्य की नहीं, स्वदेशी ताकत की भी है। Make in India अब केवल उद्योग नीति नहीं, ये अब दुश्मनों के लिए चेतावनी है—हम तैयार हैं, वो भी अपने दम पर।”
जय हिन्द!

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🙏 ये हर देशभक्त को ज़रूर पढ़ना चाहिए।
जय हिंद