Maharashtra: महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के आलेगांव शिवरा गांव के पास शुक्रवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया। खेतों में काम के लिए मजदूरों को ले जा रही एक ट्रैक्टर ट्रॉली अचानक अनियंत्रित होकर कुएं में गिर गई। इस हादसे में आठ महिलाओं की मौत हो गई, जबकि तीन महिलाओं को बचा लिया गया है। मृतक महिलाएं हिंगोली जिले के गुंजगांव की रहने वाली थीं, जो खेतों में दिहाड़ी मजदूरी करती थीं। यह घटना न केवल क्षेत्र में शोक की लहर ले आई, बल्कि ग्रामीण परिवहन व्यवस्था की बदहाली को भी उजागर कर गई।
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Maharashtra: राहत और बचाव कार्य में जुटा प्रशासन
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य शुरू किया। रेजिडेंट डिप्टी कलेक्टर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और आपदा प्रबंधन टीम मौके पर तैनात की गई। कुआं गहरा होने के कारण बचाव में दिक्कतें आईं, लेकिन प्रशासन ने तेजी से कार्रवाई करते हुए तीन महिलाओं को सुरक्षित बाहर निकाल लिया और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
Maharashtra: सीएम फडणवीस ने जताया शोक और की मदद की घोषणा
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस दर्दनाक हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, यह बेहद दुखद और हृदय विदारक घटना है। मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिवारों के साथ हैं। सरकार प्रभावित परिवारों की हर संभव मदद करेगी।
फडणवीस ने घोषणा की कि मुख्यमंत्री सहायता कोष से प्रत्येक मृतक के परिजनों को 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन हिंगोली और नांदेड़ के अधिकारियों के साथ मिलकर राहत कार्य कर रहा है और पीड़ितों को तुरंत सहायता पहुंचाई जा रही है।
पीएम मोदी ने जताया शोक, आर्थिक मदद का ऐलान
घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक व्यक्त किया। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) द्वारा जारी एक बयान में पीएम मोदी ने कहा, नांदेड़ में हुए हादसे की खबर से बहुत दुखी हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।
प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से प्रत्येक मृतक के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
Maharashtra: जांच के आदेश, परिवहन व्यवस्था पर उठे सवाल
पुलिस के अनुसार, यह ट्रैक्टर ट्रॉली रोजाना गांव से मजदूरों को खेतों में ले जाने के काम में लगी हुई थी। हादसे की असल वजह स्पष्ट नहीं है, लेकिन संभवतः ट्रैक्टर का संतुलन बिगड़ने या ब्रेक फेल होने की आशंका जताई जा रही है। प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और कहा है कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे। इस घटना ने ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था की कमी को उजागर किया है, जहां लोग ट्रैक्टर ट्रॉली जैसी असुरक्षित सवारी साधनों पर निर्भर हैं।
इलाके में पसरा मातम
घटना की खबर जैसे ही गांव और आसपास के क्षेत्रों में फैली, शोक की लहर दौड़ गई। मृतकों के घरों में कोहराम मचा है और गांव का माहौल गमगीन है। सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने मौके पर पहुंचकर प्रशासन से तेज कार्रवाई और मुआवजे की मांग की।
यह हादसा न केवल मानव जीवन की क्षणभंगुरता को दिखाता है, बल्कि ग्रामीण विकास और सुरक्षा के मोर्चे पर सरकारों के सामने गंभीर चुनौतियों को भी रेखांकित करता है। उम्मीद की जा रही है कि इस घटना के बाद प्रशासन व्यवस्थित और सुरक्षित परिवहन साधनों के लिए ठोस नीति बनाएगा, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सके।
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