Kupwara Intrusion: जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा (LoC) पर सुरक्षाबलों ने एक बड़ा सफल ऑपरेशन चलाकर दो आतंकवादियों को मार गिराया है। यह कार्रवाई घुसपैठ की खुफिया जानकारी के आधार पर शुरू की गई थी, और अभी भी इलाके में तलाशी अभियान जारी है। सेना के अनुसार, ऑपरेशन में भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया गया है। यह घटना सीमा पर बढ़ती आतंकी गतिविधियों के बीच सुरक्षा बलों की सतर्कता का प्रतीक है, जहां हाल के दिनों में पाकिस्तान प्रायोजित घुसपैठ की कोशिशें तेज हो गई हैं।
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Kupwara Intrusion: खुफिया जानकारी पर शुरू हुआ संयुक्त अभियान
ऑपरेशन की शुरुआत श्रीनगर स्थित भारतीय सेना की चिनार कोर को मिली विश्वसनीय खुफिया जानकारी से हुई। कुपवाड़ा जिले के वारसन क्षेत्र के ब्रिजथोर जंगलों में आतंकियों के एक ठिकाने का पता चला, जहां घुसपैठियों ने छिपकर अपनी गतिविधियां संचालित करने की योजना बनाई थी। संयुक्त अभियान में भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने मिलकर पूरे क्षेत्र को घेर लिया। सुबह के समय तलाशी अभियान शुरू होते ही आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका सुरक्षाबलों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। इस मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए, लेकिन अधिकारियों का मानना है कि इलाके में और आतंकी छिपे हो सकते हैं। इसलिए, ऑपरेशन को और गहराई से जारी रखा गया है।
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, यह कार्रवाई LoC पर घुसपैठ को नाकाम करने के उद्देश्य से की गई है। हमारी टीमें 24 घंटे अलर्ट पर हैं। कुपवाड़ा, जो LoC से सटा हुआ संवेदनशील जिला है, लंबे समय से आतंकी घुसपैठ का केंद्र रहा है। यहां की ऊबड़-खाबड़ जमीन और घने जंगल आतंकियों के लिए छिपने का सुरक्षित स्थान प्रदान करते हैं। इस ऑपरेशन से न केवल घुसपैठ की एक बड़ी कोशिश विफल हुई, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने में भी मदद मिली है।
Kupwara Intrusion: मारे गए आतंकवादियों की पहचान और लश्कर कनेक्शन
मारे गए आतंकवादियों की पहचान अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हुई है, लेकिन प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि वे लश्कर-ए-तैयबा (LeT) जैसे पाकिस्तान समर्थित संगठनों से जुड़े थे। हाल की एक समान घटना कुलगाम जिले के गुड्डर जंगल में हुई थी, जहां दो आतंकवादियों को मार गिराया गया था। इनमें से एक आमिर अहमद डार था, जो शोपियां का निवासी था और सितंबर 2023 से सक्रिय था। डार LeT का कुख्यात सदस्य था और पहलगाम हमले के बाद जारी 14 वांछित आतंकियों की सूची में शामिल था। वह कई हमलों में शामिल होने का आरोपी था, जिसमें निर्दोष नागरिकों और सुरक्षाबलों पर हमले शामिल थे।
कुपवाड़ा ऑपरेशन के संदर्भ में, मारे गए आतंकी संभवतः इसी नेटवर्क का हिस्सा थे, जो LoC पार से हथियारों की तस्करी कर रहे थे। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि ये आतंकी युवाओं को भड़काने और स्थानीय स्तर पर भर्ती करने में भी सक्रिय थे। इस कार्रवाई से LeT जैसे संगठनों को बड़ा झटका लगा है, जो जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाने की साजिश रच रहे थे। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे ऑपरेशन आतंकी मॉड्यूल्स को जड़ से उखाड़ फेंकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
Kupwara Intrusion: हथियारों की बरामदगी: घुसपैठ की साजिश का पर्दाफाश
मुठभेड़ स्थल से सुरक्षाबलों ने भारी मात्रा में युद्ध सामग्री बरामद की है, जो घुसपैठ की गंभीर साजिश का संकेत देती है। इसमें दो एके-47 सीरीज राइफलें, चार रॉकेट लॉन्चर, सैकड़ों गोलियां, ग्रेनेड और अन्य विस्फोटक उपकरण शामिल हैं। ये हथियार LoC पार से तस्करी कर लाए गए थे और इनका इस्तेमाल बड़े हमलों के लिए किया जाना था। सेना ने ठिकाने से डिजिटल उपकरण और दस्तावेज भी जब्त किए, जिनकी फॉरेंसिक जांच चल रही है।
एक अधिकारी ने कहा, यह बरामदगी साबित करती है कि दुश्मन की मंसूबे कितने गहरे हैं। हम ऐसी साजिशों को किसी भी कीमत पर नाकाम करेंगे। पिछले कुछ महीनों में जम्मू-कश्मीर में 20 से अधिक ऐसे ऑपरेशन हो चुके हैं, जिनमें 50 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं। यह बरामदगी न केवल तात्कालिक खतरे को कम करती है, बल्कि भविष्य की घुसपैठों को रोकने में भी सहायक होगी।
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