Kishtwar encounter: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चटरू गांव में शुक्रवार को आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई मुठभेड़ में एक सैनिक शहीद हो गया और तीन अन्य घायल हो गए। यह मुठभेड़ तब शुरू हुई जब सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने इलाके में छिपे हुए आतंकवादियों के खिलाफ कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन (कासो) शुरू किया। जैसे ही सुरक्षा बल आतंकवादियों के करीब पहुंचे, आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके जवाब में मुठभेड़ हुई।
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गोलीबारी में एक सैनिक शहीद, तीन घायल
इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों की टीम ने इलाके को घेरकर आतंकवादियों की तलाश शुरू कर दी थी, लेकिन गोलीबारी के दौरान एक सैनिक की शहादत हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हो गए। सुरक्षा बलों की ओर से जवाबी कार्रवाई अभी भी जारी है और इलाके की घेराबंदी कर दी गई है। यह घटना जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ चल रही सुरक्षा बलों की बड़ी कार्रवाई का हिस्सा है, जिसमें लगातार आतंकियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन किए जा रहे हैं।
जैश के आतंकवादियों से मुठभेड़ जारी
खबरों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चटरू गांव में चल रही मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) संगठन के दो से तीन आतंकवादियों का एक समूह सुरक्षा बलों के घेरे में फंस गया है। बताया जा रहा है कि ये आतंकवादी संभवतः विदेशी भाड़े के लड़ाके हैं। मुठभेड़ के दौरान एक भारतीय सैनिक की शहादत हुई है, और तीन अन्य घायल हुए हैं।
18 सितंबर को इन 16 सीटों पर होगा मतदान
यह घटना उस समय हुई है जब चिनाब घाटी के डोडा, किश्तवाड़, और रामबन जिलों सहित दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां, और कुलगाम जिलों की 16 विधानसभा सीटों पर आगामी 18 सितंबर को पहले चरण के चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में इस इलाके में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि चुनावी सुरक्षा को चुनौती दे रही है। सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों की घेराबंदी कर दी है और ऑपरेशन अभी जारी है।
चुनाव के दौरान माहौल बिगाड़ने की कोशिश
आतंकी संगठनों की चुनाव से पहले इस तरह की सक्रियता को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने पहले से सतर्कता बढ़ा दी थी, क्योंकि आतंकी अक्सर चुनाव के दौरान माहौल बिगाड़ने की कोशिश करते हैं।
दो महीनों में बढ़े आतंकवादी हमले
जम्मू संभाग के पहाड़ी जिलों, जैसे पुंछ, राजौरी, डोडा, कठुआ, रियासी, और उधमपुर, में हाल के दो महीनों में आतंकवादी हमले बढ़े हैं, जिनमें सेना, सुरक्षा बलों और नागरिकों को निशाना बनाया गया है। इन हमलों की पृष्ठभूमि में रिपोर्ट मिली हैं कि 40 से 50 कट्टर विदेशी आतंकवादियों का एक समूह इस गतिविधि के पीछे हो सकता है।
घने जंगलों में 4,000 से अधिक जवान तैनात
इन हमलों का मुकाबला करने के लिए भारतीय सेना ने इन जिलों के घने जंगलों में 4,000 से अधिक प्रशिक्षित सैनिकों को तैनात किया है। इसमें पैरा कमांडो और पर्वतीय युद्ध में विशेष रूप से प्रशिक्षित सैनिक शामिल हैं, जो आतंकवादियों का पता लगाने और उन्हें निष्प्रभावी करने के लिए काम कर रहे हैं।