Karur Stampede: अभिनेता से राजनेता बने विजय की तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) ने करूर रैली में हुई भगदड़ की स्वतंत्र और पारदर्शी जांच की मांग करते हुए मद्रास हाईकोर्ट का रुख किया है। पार्टी ने इसे सत्तारूढ़ डीएमके की साजिश करार देते हुए सीबीआई या विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने की अपील की है। मदुरै बेंच में दायर इस याचिका पर सोमवार दोपहर 2:15 बजे तत्काल सुनवाई होगी। इस घटना में 40 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें 9 बच्चे और 17 महिलाएं शामिल हैं, जबकि 100 से अधिक घायल हैं।
Table of Contents
Karur Stampede: टीवीके का आरोप, पथराव और लाठीचार्ज से भड़की भगदड़
टीवीके के उप महासचिव सीटीआर निर्मल कुमार ने रविवार को संवाददाताओं से कहा, करूर त्रासदी की निष्पक्ष जांच के लिए हमारी याचिका पर 29 सितंबर को दोपहर में मदुरै बेंच में सुनवाई होगी। उन्होंने दावा किया कि यह दुर्घटना नहीं, बल्कि सुनियोजित साजिश का नतीजा है। पार्टी के वकील अरिवाजगन ने एनडीटीवी को बताया कि रैली स्थल पर पथराव हुआ और पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिससे भीड़ में अफरा-तफरी मच गई। टीवीके ने कहा कि आयोजकों ने पुलिस की कोई शर्त तोड़ी नहीं, लेकिन ट्रैफिक जाम के कारण विजय की देरी हुई। पार्टी ने डीएमके कार्यकर्ताओं पर साजिश का आरोप लगाते हुए कहा कि यह विजय की बढ़ती लोकप्रियता से उपजी हताशा का परिणाम है।
Karur Stampede: कोर्ट से स्वतंत्र जांच के निर्देश की मांग
इससे पहले, निर्मल कुमार के नेतृत्व में टीवीके वकीलों की टीम ने न्यायमूर्ति एम. धंदापानी के आवास पर जाकर न्यायिक हस्तक्षेप की अपील की। याचिका में घटना की गंभीरता, भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा में लापरवाही का हवाला देते हुए अदालत से स्वतंत्र जांच का निर्देश मांगा गया। पार्टी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) में भी शिकायत दर्ज की है।
Karur Stampede: राज्य सरकार की जांच आयोग गठन, 10 लाख मुआवजा
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शनिवार देर रात करूर पहुंचकर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ऐसी त्रासदी कभी दोहराई न जाए। सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति अरुणा जगदीशन के नेतृत्व में एक सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किया गया, जो घटना की गहन जांच करेगा। स्टालिन ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये और घायलों को 1 लाख रुपये की सहायता राशि की घोषणा की। विजय ने भी मृतकों के परिजनों को 20 लाख और घायलों को 2 लाख रुपये देने का ऐलान किया। उन्होंने कहा, मेरा दिल टूट गया है, यह अपूरणीय क्षति है।
अरुणा जगदीशन रविवार को घटनास्थल का निरीक्षण कर रही थीं। स्थानीय निवासियों ने शिकायत की कि आयोजकों ने 27,000 लोगों की भीड़ के बावजूद 10,000 क्षमता वाले स्थान पर पर्याप्त सुरक्षा नहीं की। बिजली कटौती, एम्बुलेंस की कमी और भीड़ नियंत्रण में चूक के आरोप लगाए गए। जगदीशन ने कहा, इन शिकायतों की गहन जांच होगी और उचित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। 40 शवों का पोस्टमार्टम पूरा हो चुका है और उन्हें परिजनों को सौंप दिया गया।
विपक्ष का हमला: मानव-निर्मित आपदा
विपक्षी अन्नाद्रमुक के महासचिव और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने घायलों से मुलाकात की। उन्होंने राज्य सरकार पर सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर खामियों का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, भीड़ नियंत्रण और प्रोटोकॉल की अनदेखी से यह मानव-निर्मित आपदा बनी। सरकार जवाबदेही तय करे। पलानीस्वामी ने डीएमके पर राजनीतिकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि यह विपक्षी दलों को दबाने की कोशिश है।
हाईकोर्ट में दूसरी याचिका: टीवीके पर रोक की मांग
इधर, करूर के एन. सेन्थिलकन्नन ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें टीवीके को जांच पूरी होने तक सार्वजनिक सभाओं पर रोक लगाने की मांग की गई है। न्यायमूर्ति एन. सेन्थिलकुमार की वेकेशन बेंच ने इसे रविवार शाम 4:30 बजे सुनने का फैसला किया, लेकिन बाद में इसे लंबित मामले में शामिल करने का आदेश दिया। याचिकाकर्ता ने कहा कि सुरक्षा प्रोटोकॉल सुनिश्चित किए बिना अनुमति न दी जाए।
यह भी पढ़ें:-
‘जवान बहन को चौराहे पर किस’: राहुल गांधी पर कैलाश विजयवर्गीय का विवादित बयान