Indian Air Force: भारत सरकार ने पाकिस्तान सीमा से सटे दक्षिणी क्षेत्रों में 7 और 8 मई को एक बड़े पैमाने पर हवाई सैन्य अभ्यास की योजना बनाई है, जिसके लिए ‘नोटिस टू एयरमेन’ (NOTAM) जारी कर दिया गया है। यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है, खासकर हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी।
हवाई अभ्यास की जानकारी प्रसिद्ध जियो-इंटेलिजेंस विश्लेषक डेमियन साइमन ने दी है। हालांकि इस ड्रिल के विस्तृत विवरण अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, लेकिन NOTAM जारी होने से स्पष्ट हो गया है कि यह अभ्यास बहुत बड़े पैमाने पर किया जाएगा, जिसमें सीमावर्ती क्षेत्रों की हवाई सीमा को प्रतिबंधित किया गया है।
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Indian Air Force: राफेल, सुखोई और मिराज लेंगे भाग
जानकारी के अनुसार, भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे रेगिस्तानी इलाकों में होने वाले इस अभ्यास में भारतीय वायुसेना के प्रमुख फ्रंटलाइन फाइटर जेट – राफेल, मिराज 2000, सुखोई-30MKI और मिग-29 भाग लेंगे। ये सभी विमान हवा से हवा और जमीन पर हमले की युद्धाभ्यास करेंगे। इसके अलावा, एयर डिफेंस मिशन भी आयोजित किए जाएंगे ताकि युद्ध की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया देने की क्षमता का परीक्षण किया जा सके।
भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी इस अभ्यास की निगरानी करेंगे और मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOPs) की समीक्षा की जाएगी। यह अभ्यास भारतीय सैन्य तैयारियों का प्रदर्शन और आत्मविश्वास का संकेत माना जा रहा है।
Indian Air Force: NOTAM का महत्व
NOTAM (Notice to Airmen) एक आधिकारिक सूचना होती है जो बताती है कि किसी खास हवाई क्षेत्र में उड़ान पर प्रतिबंध है या सतर्कता जरूरी है। आम तौर पर यह तब जारी किया जाता है जब मौसम खराब हो, सैन्य अभ्यास चल रहा हो या किसी खतरे की संभावना हो। इस बार का NOTAM एक ‘फेयरली लार्ज’ यानी अपेक्षाकृत बड़े अभ्यास की ओर संकेत करता है, जो मौजूदा कूटनीतिक हालात को देखते हुए और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है।
Indian Air Force: ऑपरेशन ‘आक्रमण’ के बाद अगला कदम
गौरतलब है कि 25 अप्रैल को भारतीय वायुसेना और नौसेना ने संयुक्त रूप से ‘ऑपरेशन आक्रमण’ के तहत अपनी आक्रामक क्षमताओं का प्रदर्शन किया था। इसमें भी राफेल और सुखोई-30MKI जैसे उन्नत लड़ाकू विमानों ने पहाड़ी इलाकों में डीप-स्ट्राइक मिशन का अभ्यास किया था। उस अभ्यास में लंबी दूरी की उड़ानों और सटीक हमलों का परीक्षण किया गया था, जो मौजूदा हालात में और अधिक प्रासंगिक हो गया है।
54 साल बाद देशव्यापी सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल
सरकार न केवल सैन्य स्तर पर बल्कि आम नागरिकों को भी संभावित युद्ध या आपदा के लिए तैयार कर रही है। 7 मई को देश के 295 जिलों में नागरिक सुरक्षा (सिविल डिफेंस) की मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। गृह मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के तहत, ब्लैकआउट मैनेजमेंट, सायरन टेस्ट, और बम/गैस हमले जैसी स्थितियों से निपटने का अभ्यास कराया जाएगा।
यह पहली बार है जब 1971 भारत-पाक युद्ध के बाद इतने बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल की योजना बनाई गई है। इसका उद्देश्य है कि आम नागरिकों को किसी भी आपात स्थिति में जागरूक और तैयार किया जा सके।
पाकिस्तान में घबराहट
भारत की इस सैन्य और नागरिक तैयारी को लेकर पाकिस्तान में बेचैनी बढ़ गई है। हाल के आतंकवादी हमले और भारत के कड़े रुख के चलते इस बात की आशंका है कि भारत बदले की कोई बड़ी कार्रवाई कर सकता है। ऐसे में यह अभ्यास केवल एक रुटीन ड्रिल नहीं बल्कि एक कड़ा संदेश भी माना जा रहा है कि भारत अपनी सुरक्षा के प्रति पूरी तरह से सतर्क और सक्षम है।
भारत की इस सैन्य तैयारी और नागरिक मॉक ड्रिल से स्पष्ट है कि देश युद्ध या किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। यह न केवल सैन्य शक्ति का प्रदर्शन है, बल्कि आम जनता को जागरूक और प्रशिक्षित करने की दिशा में भी एक अहम कदम है। आने वाले दिनों में इस तरह की तैयारियों में और भी तेजी देखी जा सकती है।