Gangraped: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। रायसेन रोड स्थित एक निजी कॉलेज से जुड़े इस मामले में कुछ छात्रों और पूर्व छात्रों ने मिलकर सुनियोजित तरीके से कई युवतियों को पहले प्रेमजाल में फंसाया, फिर उनके साथ बलात्कार किया और वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल किया। इस घिनौने कृत्य में अब तक तीन पीड़िताएं सामने आ चुकी हैं, और पुलिस को संदेह है कि पीड़िताओं की संख्या कहीं अधिक हो सकती है।
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Gangraped: प्रेमजाल, फर्जी पहचान और ब्लैकमेलिंग
इस सनसनीखेज मामले की शुरुआत 16 अप्रैल को तब हुई, जब एक युवती ने बागसेवनिया पुलिस थाने में साहस जुटाकर शिकायत दर्ज करवाई। उसने बताया कि आरोपी फराज खान ने पहले खुद को हिंदू बताकर उससे दोस्ती की और फिर प्रेम संबंध बनाए। इसी दौरान आरोपी ने उसका अश्लील वीडियो बनाया और ब्लैकमेलिंग का सिलसिला शुरू हुआ। बाद में पता चला कि युवक ने अपनी पहचान छिपाई थी और उसका असली नाम फराज खान है।
Gangraped: आरोपी ने अन्य साथियों से भी करवाया दुष्कर्म
पीड़िता ने बताया कि फराज ने उसे अपने दो अन्य साथियों से मिलवाया, जिन्होंने उसके साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया। यही नहीं, वीडियो वायरल करने की धमकी देकर आरोपी युवती पर दबाव बनाते रहे कि वह अपनी अन्य सहेलियों को भी उनसे मिलवाए। इसके बाद उन्हीं लड़कियों को भी प्रेमजाल में फंसाकर, ब्लैकमेल कर दुष्कर्म किया गया।
Gangraped: और भी पीड़िताएं आईं सामने
पहली एफआईआर के बाद दो अन्य युवतियों ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। इनमें से एक घटना के समय नाबालिग थी, जिसके चलते पुलिस ने पॉक्सो एक्ट की धाराएं भी जोड़ दी हैं। पीड़िताओं के बयानों से स्पष्ट है कि यह पूरी साजिश सुनियोजित थी, जिसमें लड़कियों की आस्था, विश्वास और सामाजिक डर का फायदा उठाकर उन्हें शिकार बनाया गया।
आरोपी गिरफ्तार, अश्लील वीडियो बरामद
बागसेवनिया पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए दो आरोपियों—फराज खान और साहिल खान—को गिरफ्तार कर लिया है। इन दोनों के मोबाइल फोन से कई युवतियों के अश्लील वीडियो भी बरामद हुए हैं। पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच टीम (SIT) का गठन कर दिया है, जो इस मामले की हर पहलु से जांच कर रही है।
धाराएं और कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की कई गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है, जिनमें बलात्कार, ब्लैकमेलिंग, आपराधिक साजिश और पहचान छिपाकर धोखाधड़ी करना शामिल हैं। साथ ही मध्यप्रदेश धर्म स्वातंत्र अधिनियम 2021 के अंतर्गत भी कार्रवाई की गई है, क्योंकि युवतियों ने आरोप लगाया है कि उन्हें झूठी धार्मिक पहचान बताकर प्रेमजाल में फंसाया गया।
अजमेर कांड की यादें ताजा
भोपाल में सामने आए इस मामले ने कई लोगों को अजमेर गैंग रेप कांड की याद दिला दी है, जिसमें भी लंबे समय तक सुनियोजित तरीके से लड़कियों को फंसाकर, ब्लैकमेल कर दुष्कर्म किया गया था। भोपाल कांड में भी एक विशेष समुदाय के लड़कों द्वारा एक समुदाय विशेष की लड़कियों को निशाना बनाए जाने का आरोप लगने से मामला और अधिक संवेदनशील बन गया है।
पुलिस की अपील और सामाजिक प्रतिक्रिया
पुलिस ने अपील की है कि यदि किसी अन्य युवती के साथ भी इस प्रकार की घटना हुई है, तो वह बिना किसी भय के सामने आए। सभी पीड़िताओं की पहचान गोपनीय रखी जाएगी और उन्हें हरसंभव सुरक्षा व कानूनी सहायता दी जाएगी। इस भयावह प्रकरण से न केवल भोपाल बल्कि पूरे राज्य में चिंता की लहर दौड़ गई है। छात्र संगठनों, अभिभावकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना की निंदा करते हुए कड़ी सजा की मांग की है।
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