Farmers Protest: अलग—अलग किसान संगठनों ने ‘दिल्ली चलो’ मार्च का ऐलान किया है। बुधवार (6 मार्च) को किसान बड़ी संख्या में दिल्ली कूच कर सकते हैं। किसानों के दिल्ली कूच को लेकर प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। राजधानी के रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। पुलिस किसान मार्च को लेकर पूरी तरह से मुस्तैद है। हर आने-जाने वाले शख्स पर नजर रखी जा रही है।
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किसान संगठनों का दिल्ली चलो आह्वान:
बता दें कि दो किसान संगठन किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त मोर्चा किसान प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं। इन दोनों संगठनों ने देशभर के किसानों से 3 मार्च को अपील की थी कि 6 मार्च को किसान बड़ी संख्या में दिल्ली पहुंचे। इस प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन और पुलिस अलर्ट पर है। टिकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
रेलवे स्टेशन-बस स्टैंड पर सुरक्षा कड़ी:
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि किसानों के प्रस्तावित प्रदर्शन को देखते हुए रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंड्स पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। बताया जा रहा है कि पुलिस टीमें शहर पहुंचने वाले प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करेगी। रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर सुरक्षा बल ज्यादा संख्या में तैनात किए गए हैं। संभावना जताई जा रही है कि ज्यादातर किसान ट्रेनों और बसों के जरिए दिल्ली पहुंच सकते हैं।
दिल्ली में धारा 144 लागू:
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक अधिकारी ने बताया कि ‘दिल्ली में धारा 144 लागू कर दी गई है। इसमें चार या उससे ज्यादा लोगों को इलाके में जमा होने की इजाजत नहीं है। साथ ही पुलिस बल को उन सभी स्थानों पर तैनात किया गया है, जहां प्रदर्शनकारी किसानों के इकट्ठा होने की संभावना है।
अगर प्रदर्शनकारी इकट्ठा होते हैं तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। शहर की सड़कों पर बैरिकेडिंग नहीं होगी लेकिन पुलिस वाहनों और आने—जाने वाले लोगों पर कड़ी नजर रख रही है।
फरवरी से चल रहा है प्रदर्शन:
बता दें कि किसानों का प्रदर्शन फरवरी से चल रहा है। किसानों ने 13 फरवरी को ‘दिल्ली चलो’ मार्च से अपने प्रदर्शन की शुरुआत की थी। हालांकि उन्हें पुलिस ने पंजाब और हरियाणा के बॉर्डर पर ही रोक लिया था। वहां पुलिस बल और किसानों के बीच झड़पें भी हुई थी। इसके बाद से प्रदर्शनकारी किसान पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर ही रुके हुए हैं। सरकार और किसानों के बीच बातचीत भी हुई लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है।
ये है किसानों की मांग:
बता दें कि प्रदर्शनकारी किसानों ने सरकार से कई मांगे हैं। उनकी मांग है कि सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिले। किसानों पर जो कर्ज है उसे माफ किया जाए। इसके साथ ही नवंबर 2020-दिसंबर 2021 तक चले किसान प्रदर्शन के दौरान जो किसान मारे गए, उनके परिजनों को नौकरी दी जाए। साथ ही प्रदर्शन के दौरान किसानों पर जो केस दर्ज हुए हैं, उन्हें रद्द किया जाए।