Electoral Bond: सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड मामले में SBI की याचिका खारिज कर दी है और समय देने से इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को निर्देश दिए हैं कि 12 मार्च तक ब्योरा दें। इसके साथ ही कोर्ट ने EC को 15 मार्च तक ये ब्योरा पब्लिश करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि चुनावी बॉन्ड मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान सीजेआई ने एसबीआई पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आपको डेटा मिलान के लिए नहीं कहा था, आप आदेश का पालन कीजिए।
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26 दिनों में क्या किया:
सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सिर्फ डेटा सील कवर से निकालना है और भेजना है तो SBI ने पिछले 26 दिनों में क्या काम किया और कितना डेटा मिलान किया। बता दें कि एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाते हुए और समय मांगा था लेकिन कोर्ट ने उनकी अर्जी खारिज कर दी और कहा कि मिलान के लिए समय मांगना सही नहीं है। साथ ही सीजेआई ने एसबीआई से कहा कि आपको मिलान करने का निर्देश नहीं दिया।
SBI ने मांगी थी मोहलत:
बता दें कि SBI की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई गई थी कि चुनावी बॉन्ड की जानकारी देने के लिए 30 जून तक की मोहलत दी जाए। इस अर्जी पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। बता दें कि पांच जजों की पीठ सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच में इस पर सुनवाई हुई।
कल तक देना होगा ब्योरा:
हालांकि चुनावी बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई की अर्जी को खारिज करते हुए 12 मार्च यानी कल तक ब्योरा देने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने EC को ये ब्योरा 15 मार्च तक पब्लिश करने का निर्देश दिया है। इस मामले में सीजेआई ने कहा कि हमारा फैसला 15 फरवरी को था लेकिन आज 11 मार्च है।
साथ ही उन्होंने एसबीआई से सवाल किया कि आपने पिछले 26 दिनों में क्या कदम उठाए हैं? कुछ भी नहीं बताया गया है, इसका खुलासा होना चाहिए था।
ये मामला गंभीर है:
मामले की सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि ये गंभीर मामला है। साथ ही उन्होंने कहा कि ECI के पास चुनावी बॉन्ड के बारे में डेटा और सारी जानकारी है। ऐसे में हम इसे खोलने का निर्देश देते हैं। वहीं जस्टिस खन्ना ने कहा कि KYC पवित्र है और आप देश के नंबर 1 बैंक हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे में हम आपसे उम्मीद करते हैं कि बैंक आगे आएगा और ब्योरा साझा करेगा।
जानकारी देने के लिए मांगा तीन हफ्ते का समय:
सुनवाई के दौरान SBI की ओर से कहा गया हिक बॉन्ड का नंबर, नाम और कितने का बॉन्ड है ये जानकारी देने के लिए उन्हें अगले दो- तीन हफ्ते का समय चाहिए। साल्वे ने कहा कि अगर बी और सी मेल नहीं खाते हैं, तो 3 सप्ताह के अंदर जानकारी दे सकते हैं। इस पर सीजेआई ने कहा कि राजनीतिक दलों को चंदे की जानकारी का गैर खुलासा नागरिकों के जानकारी के अधिकार के खिलाफ है।