Diwali 2024: दिवाली के अवसर पर भारतीय और चीनी सैनिकों ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर मिठाइयों का आदान-प्रदान किया, जो दोनों देशों के बीच सीमावर्ती तनाव में कमी का प्रतीक है। यह शांति का संकेत ऐसे समय में है जब दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर लंबे समय से चर्चा और बातचीत चल रही है। इस वर्ष दिवाली के मौके पर मिठाइयों के आदान-प्रदान को एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है, जो आपसी विश्वास बहाली के प्रयासों में सहायक हो सकता है। दिवाली के मौके पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच लद्दाख में डीबीओ, काराकोरम पास, हॉट स्प्रिंग्स, कॉंग ला और चुशुल मोल्डो में मिठाई का आदान प्रदान किया गया।
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दिवाली पर LAC में शांति और सौहार्द
इस बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अरुणाचल प्रदेश में एक कार्यक्रम में बताया कि भारत और चीन के बीच सीमा पर सैनिकों के पीछे हटाने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य दोनों देशों के बीच तनाव को कम करना और एलएसी पर शांति स्थापित करना है।
भारत-चीन सैनिकों ने एक दूसरे को बांटी मिठाइयां
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, दिवाली के अवसर पर भारतीय और चीनी सेनाओं ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थित कई सीमा चौकियों पर मिठाइयों का आदान-प्रदान किया। यह आदान-प्रदान दोनों देशों के बीच सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है, जो एलएसी पर तनाव में कमी का प्रतीक है।
पहले हो चुकी थी सेना की वापसी
सूत्रों ने यह भी बताया कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर पीछे हटने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। दोनों देशों की सेनाओं ने एक-दूसरे की पोजीशन का वेरिफिकेशन शुरू कर दिया है और विवादित क्षेत्र में बने इंफ्रास्ट्रक्चर को हटाने का काम भी चल रहा है। इस पहल से दोनों देशों के बीच सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।
दिवाली की मिठास ने दूर की खटास
रक्षा सूत्रों के अनुसार, देपसांग मैदान और डेमचोक में अस्थायी संरचनाओं को हटाने का काम पूरा कर लिया गया है। इन क्षेत्रों में दोनों पक्षों द्वारा लगभग सभी स्थानों पर वेरिफिकेशन प्रक्रिया जारी है। इस प्रक्रिया में फिजिकल निरीक्षण के साथ-साथ मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) का भी इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी विवादित स्थानों पर निर्माण और तैनाती को पूरी तरह हटाया गया है। यह कदम सीमा पर स्थिरता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने में सहायक साबित हो रहा है।
साढ़े चार साल पहले चीनी घुसपैठ के बाद पैदा हुआ था सेन्य गतिरोध
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर साढ़े चार साल पहले चीनी घुसपैठ के बाद उत्पन्न सैन्य गतिरोध में अब सकारात्मक प्रगति देखने को मिल रही है। पिछले हफ्ते, भारत ने घोषणा की कि देपसांग मैदान और डेमचोक में पेट्रोलिंग को लेकर चीन के साथ एक समझौता हुआ है, जिसे बाद में बीजिंग ने भी आधिकारिक रूप से स्वीकार किया। सेना के सूत्रों के अनुसार, वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद अगले दो दिनों में समन्वित गश्त शुरू करने की योजना है। इसके तहत, दोनों पक्षों द्वारा पहले से सूचना साझा की जाएगी ताकि क्षेत्र में गश्त के दौरान टकराव से बचा जा सके।
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