Delhi Pollution: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के एनसीआर क्षेत्रों में सोमवार सुबह एक बार फिर वायु प्रदूषण ने खतरनाक स्तर छू लिया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, सुबह 7 बजे दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 372 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। शहर पर धुएं और धुंध की मोटी चादर छाई हुई है, जिससे सांस लेना तक दूभर हो गया है। एनसीआर के सभी प्रमुख शहरों में भी AQI 300 से ऊपर बना हुआ है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहा है।
Delhi Pollution: अधिकांश इलाकों में AQI 400 के पार
दिल्ली के 35 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से अधिकांश ने ‘गंभीर’ स्तर का प्रदूषण दर्ज किया। आनंद विहार में AQI 415, जहांगीरपुरी में 408, पंजाबी बाग में 402, रोहिणी में 398 और विवेक विहार में 395 रहा। दक्षिण दिल्ली के कुछ इलाकों जैसे ओखला फेज-2 (389) और श्री अरबिंदो मार्ग (375) में भी हालात बदतर हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि PM2.5 और PM10 की सांद्रता सामान्य से 6-8 गुना अधिक है, जो फेफड़ों में गहराई तक पहुंचकर नुकसान पहुंचा रही है।
एनसीआर में भी स्थिति कम चिंताजनक नहीं है। फरीदाबाद में AQI 312, गाजियाबाद में 318, ग्रेटर नोएडा में 325, गुरुग्राम में 328 और नोएडा में 310 दर्ज हुआ। सभी शहर ‘बेहद खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में हैं। सफर इंडिया के अनुसार, पराली जलाने का योगदान दिल्ली के PM2.5 में 18% तक पहुंच गया है, जबकि वाहनों और उद्योगों का हिस्सा 45% से अधिक है।
Delhi Pollution: सर्दी और कम हवा ने बिगाड़े हालात
मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, जो सामान्य से 3 डिग्री कम है। दिन का अधिकतम तापमान 27-28 डिग्री रहेगा। हवा की गति महज 5-10 किमी/घंटा रहने से प्रदूषक हवा में फंसे हुए हैं। आईआईटीएम के वैज्ञानिक डॉ. गुfran बेग ने कहा, “तापमान में गिरावट और नमी बढ़ने से ‘इनवर्जन लेयर’ बन रही है, जो प्रदूषकों को ऊपर उठने नहीं देती। पराली का धुआं पंजाब-हरियाणा से हवा के साथ दिल्ली पहुंच रहा है।
सोमवार सुबह विजिबिलिटी कई जगहों पर 800 मीटर तक सिमट गई। इंडिया गेट, कनॉट प्लेस और आईटीओ जैसे क्षेत्रों में धुंध इतनी घनी थी कि वाहन चालकों को लाइटें जलानी पड़ीं।
Delhi Pollution: स्वास्थ्य पर गंभीर असर, अस्पतालों में मरीज बढ़े
डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि ‘गंभीर’ AQI में लंबे समय तक रहने से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, हृदय रोग और फेफड़ों की बीमारियां बढ़ सकती हैं। सफदरजंग अस्पताल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. अनिमेष आर्य ने बताया, “पिछले तीन दिनों में सांस की तकलीफ, खांसी और आंखों में जलन के मरीज 30% बढ़ गए हैं। बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।” एम्स ट्रॉमा सेंटर में भी प्रदूषण से जुड़े केस बढ़े हैं। दिल्ली सरकार ने स्कूलों को एडवाइजरी जारी की है कि प्राइमरी क्लासेस ऑनलाइन रखी जाएं। खेलकूद और आउटडोर गतिविधियां स्थगित कर दी गई हैं।
Delhi Pollution: GRAP-3 के बावजूद सुधार नहीं
दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज-3 को लागू कर रखा है। इसमें BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीजल वाहनों पर प्रतिबंध, निर्माण कार्यों पर रोक, एंटी-स्मॉग गन और वाटर स्प्रिंकलिंग शामिल है। फिर भी प्रदूषण कम नहीं हो रहा। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, हम लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने और हवा की दिशा से समस्या बढ़ रही है। दिल्ली पुलिस ने 500 से अधिक चालान काटे हैं, जबकि पीडब्ल्यूडी ने 20 से ज्यादा स्मॉग गन तैनात की हैं। फिर भी विशेषज्ञों का मानना है कि बिना लंबी अवधि की नीति के सुधार मुश्किल है।
Delhi Pollution: विशेषज्ञों की सलाह: घर में रहें, मास्क पहनें
डॉक्टरों ने सलाह दी है कि लोग सुबह-शाम बाहर न निकलें, खिड़कियां बंद रखें और एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। बाहर जाना जरूरी हो तो N-95 मास्क पहनें। हर्बल टी, अदरक और विटामिन-सी युक्त भोजन प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करेगा। पर्यावरण कार्यकर्ता विमलेंद्र झा ने कहा, यह सालाना संकट बन चुका है। इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा, पराली प्रबंधन और औद्योगिक उत्सर्जन पर सख्ती ही स्थायी समाधान है।
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