Delhi Liquor Policy: तेलंगाना के पूर्व सीएम के. चंद्रशेखर की बेटी और भारतीय राष्ट्र समिति की नेता के. कविता को कोर्ट से राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। के.कविता को दिल्ली शराब नीति मामले में गिरफ्तार किया गया है। के. कविता ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में अपने बेटे की परीक्षाओं का हवाला देते हुए अंतरिम जमानत की याचिका लगाई थी।
हालांकि राउज एवेन्यू कोर्ट ने के.कविता को जमानत नहीं दी। कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया। दरअसल, 4 अप्रैल को इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय और के. कविता की ओर से पेश वकीलों की दलीलें सुनने के बाद राउज एवेन्यू कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया।
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के.कविता की ओर से वकील ने कही थी ये बात:
4 अप्रैल को इस जमानत याचिका मामले में सुनवाई के दौरान के.कविता की ओर वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए थे। सुनवाई के दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में पीएमएलए की धारा 45 और एक प्रावधान का हवाला दिया था। इसके साथ ही अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में कहा था कि ऐसा नहीं है कि के.कविता का बच्चा छोटा है या गोद में है।
उन्होंने कोर्ट से कहा कि के.कविता का बेटा 16 साल का है। लेकिन यहां मुद्दा एक मां का अपने बेटे के लिए नैतिक और इमोशनल सपोर्ट का है। साथ ही उन्होंने कोर्ट से यह भी कहा कि के. कविता की गिरफ्तारी से उनका बेटा पहले से ही ट्रॉमा में है।
दिया पीएम मोदी के परीक्षा पर चर्चा का हवाला:
इसके साथ ही अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट के सामने पीएम मोदी के परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम का हवाला भी दिया। उन्होंने कहा कि खुद पीएम मोदी परीक्षा की चिंता से निपटने के बारे में रेडियो पर व्याख्यान देते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि परीक्षाओं के दौरान बच्चों पर मानसिक दबाव भी होता है।
ऐसे में एक बच्चे को उस वक्त अपनी मां के इमोशनल सपोर्ट की जरूरत होती है। ऐसे में के.कविता के बच्चे को इस समय मां के इमोशल सपोर्ट से दूर नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही अभिषेक मनु सिंघवी ने यह भी दलील दी कि के.कविता से ईडी को किसी भी तत्काल पूछताछ की आवश्यकता नहीं है। ऐसे में के.कविता को जमानत दी जानी चाहिए।
ईडी ने जमानत के विरोध में दिए ये तर्क:
वहीं प्रर्वतन निदेशालय ने के. कविता की अंतरिम जमानत का कोर्ट में विरोध किया। ईडी की तरफ से जमानत का विरोध करते हुए तर्क दिया गया कि शराब नीति मामले में तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए के.कविता को पीएमएलए की धारा 45 के तहत प्रावधान का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए। प्रर्वतन निदेशालय की तरफ से सुनवाई के दौरान वकील जोहेब हुसैन कोर्ट में पेश हुए थे।
उन्होंने दलील देते हुए कहा कि पीएमएलए की धारा 45 के तहत प्रावधान सार्वजिनक जीवन में रहने वालीं और राजनेता महिलाओं पर लागू नहीं होते। साथ ही जोहेब हुसैन ने कोर्ट में कहा कि दिल्ली शराब नीति मामले में रिश्वत में लिए गए रुपयों के प्रमुख संचालकों में से के.कविता एक थीं। साथ ही ईडी के वकील ने कोर्ट में कहा कि के.कविता ना केवल इस रिश्वत की राशि की लाभार्थी थीं बल्कि रिश्वत की रकम की व्यवस्था करने में भी शामिल थीं।
ईडी ने कोर्ट में ये भी तर्क दिए:
इसके साथ ही प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से पेश वकील ने कोर्ट में यह भी कहा कि दिल्ली शराब नीति मामले में के.कविता पर लगे आरोप सिर्फ गवाहों के बयानों पर आधारित नहीं है। उन्होंने कहा कि ये आरोप उनकी व्हाट्सएप चैट और दस्तावेजों पर भी आधारित हैं।
साथ ही ईडी के वकील जोहेब हुसैन ने कोर्ट को बताया कि आरोपियों ने इस मामले में कई मोबाइल नष्ट कर दिए और कई मोबाइलों के डेटा को डिलीट किया गया। साथ ही जोहेब हुसैन ने कहा कि शराब नीति मामले में ईडी महत्वर्पूण सफलता हासिल करने ही वाली है ऐसे में के.कविता की जमानत इसमें बाधा उत्पन्न कर सकती है।