Delhi Air Pollution: राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ते संकट को देखते हुए दिल्ली सरकार ने आज से सख्त नियम लागू कर दिए हैं। ‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ नियम के तहत वैध पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (पीयूसी) सर्टिफिकेट न दिखाने पर किसी भी वाहन को पेट्रोल, डीजल या सीएनजी नहीं दी जाएगी। साथ ही, दिल्ली में बाहर से आने वाली गाड़ियों में केवल बीएस-6 मानक वाली ही प्रवेश कर सकेंगी। निर्माण और डेमोलिशन सामग्री ले जाने वाले ट्रकों पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।
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Delhi Air Pollution: ग्रैप-4 के तहत इमरजेंसी उपाय
दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) के स्टेज-4 के नियम लागू हैं, क्योंकि एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) ‘सीवियर’ कैटेगरी में पहुंच चुका है। कई जगहों पर एक्यूआई 400 से ऊपर दर्ज किया गया। घने स्मॉग के कारण विजिबिलिटी कम होने से ट्रैफिक और फ्लाइट्स प्रभावित हो रही हैं। सरकार ने वाहनों से उत्सर्जन, धूल, कचरा और ट्रैफिक जाम को मुख्य लक्ष्य बनाया है।
Delhi Air Pollution: नियम लागू करने की तैयारी
पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पेट्रोल पंपों पर एएनपीआर कैमरे, वॉयस अलर्ट और पुलिस की तैनाती से नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। दिल्ली में 126 चेकपॉइंट बनाए गए हैं, जिनमें बॉर्डर पॉइंट शामिल हैं। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की 580 एनफोर्समेंट टीम और 37 प्रखर वैन तैनात की गई हैं। मंत्री ने पेट्रोल पंप डीलर्स को चेतावनी दी कि बिना पीयूसी के फ्यूल देने पर कार्रवाई होगी।
Delhi Air Pollution: नागरिकों से अपील
सिरसा ने दिल्लीवासियों से सहयोग की अपील की और कहा, “यह कदम आपकी सेहत और बच्चों के भविष्य के लिए है। पेट्रोल पंप या चेकपॉइंट पर अधिकारियों से बहस न करें।” उन्होंने ट्रैफिक बोझ कम करने के लिए सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में 50 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम अनिवार्य किया है।
Delhi Air Pollution: लॉन्ग-टर्म प्लान
मंत्री ने पीयूसी सिस्टम में बड़े बदलाव की घोषणा की। पुराने सेंटर्स में कमियां हैं, इसलिए थर्ड-पार्टी मॉनिटरिंग शुरू की जाएगी। पूरे शहर के लिए कार-पूलिंग ऐप लॉन्च किया जाएगा। ट्रैफिक मैनेजमेंट सुधार के लिए गूगल मैप्स और मैप माय इंडिया के साथ पार्टनरशिप पर विचार चल रहा है, ताकि जाम वाले हॉटस्पॉट की लाइव पहचान हो सके। मशीनीकृत सड़क सफाई के लिए एमसीडी को 10 साल में 2700 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
Delhi Air Pollution: प्रदूषण के चार मुख्य स्रोत
सिरसा ने कहा कि सरकार व्हीकुलर एमिशन, डस्ट, इंडस्ट्रियल पॉल्यूशन और सॉलिड वेस्ट पर चार मोर्चों से लड़ रही है। पड़ोसी राज्यों से भी समन्वय किया जा रहा है। मंत्री ने प्रदूषण के लिए पिछली सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि 9-10 महीने में एक्यूआई कम करना असंभव है, लेकिन रोज प्रयास जारी हैं।
प्रदूषण का मौजूदा हाल
दिल्ली में स्मॉग इतना घना है कि सांस लेना मुश्किल हो रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड, कम हवा और पराली जलाने जैसे कारक जिम्मेदार हैं। नागरिकों को मास्क पहनने और बाहर कम निकलने की सलाह दी गई है। अब देखना यह है कि ये सख्त उपाय दिल्ली की हवा को कितना साफ कर पाते हैं। सरकार का दावा है कि ये कदम स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए जरूरी हैं।
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