Crime News: झारखंड के हजारीबाग जिले में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। बरही थाना क्षेत्र के जरहिया गांव में एक विधवा महिला को डायन बताकर उसके साथ दरिंदगी की गई। अंधविश्वास के नाम पर गांव के सात लोगों ने महिला को घर से घसीटकर बाहर निकाला, उसके कपड़े उतार दिए और निर्वस्त्र कर बर्बरता से पीटा। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि आरोपियों ने ब्लेड से शरीर के कई हिस्सों को काटा और खून निकाला, जिसका इस्तेमाल तांत्रिक अनुष्ठान में किया गया। इस दौरान वह दर्द से तड़पती रही, लेकिन किसी ने उसे बचाने की कोशिश नहीं की। आरोपी बार-बार यह कहकर अत्याचार करते रहे कि उसे ‘डायन-बिसाही’ से मुक्ति दिलाई जा रही है।
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Crime News: गया ले जाकर जबरन सिर मुंडवाया
दरिंदगी की हद यहीं नहीं रुकी। आरोपियों ने महिला को जबरन घर से उठाकर बिहार के गया जिले के प्रेतशिला ले गए, जहां उसका सिर जबरन मुंडवा दिया गया। वहां भी महिला के साथ मारपीट की गई। पीड़िता ने बताया कि इस दौरान आरोपी उससे और उसके बेटे से 30 हजार रुपये भी वसूलते रहे। उन्होंने कहा कि यह रकम ‘डायन मुक्ति’ अनुष्ठान कराने के नाम पर ली गई।
Crime News: डर और खौफ के बीच घर लौटी पीड़िता
शनिवार रात करीब 10 बजे आरोपी महिला को बरही बाजार में छोड़कर फरार हो गए। किसी तरह डरी और सहमी महिला अपने घर लौटी। घटना के बाद महिला और उसका बेटा सदमे में थे और किसी से कुछ कहने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। लेकिन रविवार रात महिला ने साहस दिखाते हुए बरही थाना पहुंचकर अपनी आपबीती पुलिस को सुनाई।
Crime News: पुलिस ने दर्ज किया केस, आरोपियों की पहचान
बरही थाना पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है। थाना प्रभारी ने बताया कि सभी आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी गई है। पुलिस ने कहा है कि इस अमानवीय कृत्य में शामिल किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है ताकि किसी भी दोषी को कानून से बचने का मौका न मिले।
राज्य में डायन प्रथा और अंधविश्वास चिंता का विषय
गौरतलब है कि झारखंड के कई इलाकों में डायन प्रथा और अंधविश्वास के नाम पर महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं सामने आती रही हैं। सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस कुप्रथा के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है ताकि महिलाओं को इस तरह की प्रताड़ना का शिकार न होना पड़े। राज्य में डायन बिसाही निरोध अधिनियम लागू होने के बावजूद कई गांवों में जागरूकता की कमी के कारण इस प्रकार की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।
पुलिस ने पीड़िता को दिया सुरक्षा का भरोसा
पुलिस अधिकारियों ने पीड़िता को सुरक्षा का भरोसा दिलाया है और आश्वस्त किया है कि उसे न्याय दिलाने के लिए हर जरूरी कदम उठाए जाएंगे। पुलिस ने स्थानीय ग्रामीणों से भी अपील की है कि इस प्रकार के अंधविश्वास और कुप्रथाओं को बढ़ावा न दें और किसी भी घटना की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।
प्रशासन कर रहा है निगरानी
इस बीच, हजारीबाग प्रशासन ने मामले पर नजर बनाए रखते हुए सभी गांवों में शांति व्यवस्था कायम रखने के निर्देश दिए हैं। जिला प्रशासन ने भी पीड़िता को उचित सहायता और सुरक्षा मुहैया कराने की बात कही है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि कानून हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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