33.2 C
New Delhi
Saturday, July 5, 2025
HomeदेशControversy On CAA: सीएए कानून लागू होने के बाद क्या होगा? इससे...

Controversy On CAA: सीएए कानून लागू होने के बाद क्या होगा? इससे जुड़े विवाद कौन से हैं? जानिए 10 बड़े सवालों के जवाब

Controversy On CAA: सीएए (सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट) के संबंध में देशभर में विवाद उत्पन्न हुआ है। सरकारी मंत्री अब इसे शीघ्रता से लागू कर देने की बात कर रहे हैं।

Controversy On CAA: देश में एक बार फिर से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर चर्चा शुरू हो गई है। पहले ही इस कानून के खिलाफ बहुत बहस हुई है और कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी हुआ है। यह एक विवादास्पद मुद्दा है जिस पर सीएए को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि यह देश का कानून है और इसे जल्दी ही लागू किया जाएगा।

इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने भी सोमवार (29 जनवरी) को पश्चिम बंगाल में इस कानून को एक हफ्ते के भीतर लागू करने की बात कही है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि यह न केवल पश्चिम बंगाल में बल्कि पूरे देश में लागू होगा। इस कानून का मुख्य उद्देश्य है किसी भी धर्म के परिवारों को शांति से भारतीय नागरिकता प्रदान करना। लेकिन इसका अनुष्ठान और विभिन्न विचारधाराओं के बीच विवाद से इसे लागू करने में देरी हो रही है।

धार्मिक भेदभाव

नागरिक (संशोधन) कानून में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से विशिष्ट धार्मिक समुदायों (हिंदू, सिख, जैन, ईसाई, बौद्ध और पारसी) को अवैध अप्रवासियों के लिए भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है. इस पर आलोचकों का तर्क है कि ये प्रावधान भेदभावपूर्ण है, क्योंकि इसमें मुसलमानों को शामिल नहीं किया गया है.

धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन

विरोधियों का तर्क है कि सीएए कुछ धार्मिक समूहों का पक्ष लेकर और दूसरों को बाहर करके भारतीय संविधान के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों को कमजोर करता है.

राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) संबंधित चिंताएं

सीएए को अक्सर प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) से जोड़ा जाता है. आलोचकों को डर है कि संयुक्त होने पर ये मुसलमानों के बहिष्कार का कारण बन सकता है. जिससे ऐसी स्थिति पैदा होगी जहां नागरिकता धर्म के आधार पर निर्धारित की जाएगी.

राष्ट्रविहीनता की संभावनाएं

ऐसी चिंताएं हैं कि अगर लोग नागरिकता के मानदंडों को पूरा करने में विफल रहते हैं और दूसरे देश की नागरिकता नहीं है तो सीएए और एनआरसी के लागू होने के बाद बड़ी संख्या में लोग राष्ट्रविहीन हो सकते हैं.

विरोध और नागरिक अशांति

सीएए को लेकर देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन देखने को मिले, जिस पर कई लोगों ने भारत के सामाजिक ताने-बाने, समावेशिता और विविधता के सिद्धांतों को लेकर संभावित प्रभाव के बारे में भी चिंता व्यक्त की.

संवैधानिक मूल्यों को चुनौती

इसके अलावा, आलोचकों का ये भी तर्क है कि सीएए भारतीय संविधान में निहित समानता और गैर भेदभाव के मूल्यों को चुनौती देता है. इसके पीछे वजह ये बताई गई कि ये कानून अप्रवासियों के बीच उनके धर्म के आधार पर अंतर करता है.

हाशिए पर चले जाने का डर

कुछ समुदायों, खासतौर पर मुसलमानों के बीच ये डर है कि सीएए और एनआरसी कानून उनके हाशिए पर जाने, बहिष्कार और यहां तक कि निर्वासन का कारण भी बन सकते हैं.

सीएए पर विश्व की क्या प्रतिक्रिया है?

सीएए को अंतरराष्ट्रीय निकायों और मानवाधिकार संगठनों से भी आलोचना का शिकार होना पड़ा, जिन्होंने संभावित मानवाधिकार उल्लंघन और धार्मिक भेदभाव के बारे में चिंता व्यक्त की.

नागरिकता का निर्धारण करने में जटिलता

आलोचक सीएए और एनआरसी को लागू करने की प्रक्रिया को जटिल और गलतियों की संभावना के रूप में देख रहे हैं. इन लोगों का तर्क है कि बेगुनाहों को अपनी नागरिकता साबित करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, नतीजतन अन्यापूर्ण परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं.

राजनीतिक ध्रुवीकरण

जब से सीएए और एनआरसी का मामला सामने आया तब से इस मुद्दे पर जमकर राजनीति हो रही है और राजनीतिक रूप से ध्रवीकृत हो गया है. अलग-अलग राजनीतिक दल अलग-अलग रुख अपना रहे हैं. इस विभाजनकारी माहौल में इस ध्रुवीकरण ने मामले पर रचनात्मक बातचीत में बाधा डालने का काम किया.

RELATED ARTICLES
New Delhi
broken clouds
33.2 ° C
33.2 °
33.2 °
54 %
3.1kmh
84 %
Sat
32 °
Sun
38 °
Mon
33 °
Tue
36 °
Wed
34 °

Most Popular